Mahalakshmi vrat katha: इस कथा को पढ़ने-सुनने से सदा रोशन रहता है घर का चिराग

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 03 Sep, 2022 08:40 AM

mahalakshmi fast story

ज्योतिषशास्त्र के पंचांग खंड अनुसार महालक्ष्मी व्रत आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन प्रदोष काल में मनाए जाने का विधान है। धर्मशास्त्रों के अनुसार इस दिन हाथी पर सवार देवी गजलक्ष्मी के पूजन का विधान है।

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Mahalaxmi vrat 2022: ज्योतिषशास्त्र के पंचांग खंड अनुसार महालक्ष्मी व्रत आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन प्रदोष काल में मनाए जाने का विधान है। धर्मशास्त्रों के अनुसार इस दिन हाथी पर सवार देवी गजलक्ष्मी के पूजन का विधान है। शस्त्रानुसार यह पर्व देवी गजलक्ष्मी की कृपा पाने के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन किए गए पूजन, उपाय, अनुष्ठान व टोटकों का संपूर्ण फल प्राप्त होता है। मान्यता है की जिस घर की महिलाएं इस कथा को पढ़ती या सुनती है, उस घर का चिराग सदा रोशन रहता है।

1100  रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं। अपनी जन्म तिथि अपने नाम, जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर व्हाट्सएप करें

PunjabKesari Mahalakshmi vrat katha 

Mahalaxmi vrat 2022: महालक्ष्मी व्रत कथा
महालक्ष्मी व्रत पौराणिक काल से मनाया जा रहा है। शास्त्रानुसार महाभारत काल में जब महालक्ष्मी पर्व आया। उस समय हस्तिनापुर की महारानी गांधारी ने देवी कुन्ती को छोड़कर नगर की सभी स्त्रियों को पूजन का निमंत्रण दिया। गांधारी के 100 कौरव पुत्रों ने बहुत सी मिट्टी लाकर सुंदर हाथी बनाया व उसे महल के मध्य स्थापित किया।

PunjabKesari Mahalakshmi vrat katha

जब सभी स्त्रियां पूजन हेतु गांधारी के महल में जाने लगी। इस पर देवी कुन्ती बड़ी उदास हो गई। इस पर अर्जुन ने कुंती से कहा हे माता! आप लक्ष्मी पूजन की तैयारी करें, मैं आपके लिए जीवित हाथी लाता हूं। अर्जुन अपने पिता इंद्र से स्वर्गलोक जाकर ऐरावत हाथी ले आए।

PunjabKesari Mahalakshmi vrat katha

कुन्ती ने सप्रेम पूजन किया। जब गांधारी व कौरवों समेत सभी ने सुना कि कुन्ती के यहां स्वयं एरावत आए हैं तो सभी ने कुंती से क्षमा मांगकर गजलक्ष्मी के ऐरावत का पूजन किया।

PunjabKesari Mahalakshmi vrat katha

शास्त्रनुसार इस व्रत पर महालक्ष्मी को 16 पकवानों का भोग लगाया जाता है। सोलह बोल की कथा 16 बार कहे जाने का विधान है व कथा के बाद चावल या गेहूं छोड़े जाते हैं। 

PunjabKesari Mahalakshmi vrat katha
सोलह बोल की कथा:"अमोती दमो तीरानी, पोला पर ऊचो सो परपाटन गांव जहां के राजा मगर सेन दमयंती रानी, कहे कहानी। सुनो हो महालक्ष्मी देवी रानी, हम से कहते तुम से सुनते सोलह बोल की कहानी॥"

PunjabKesari punjab kesari

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!