Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Feb, 2018 06:08 PM
अरस्तू ने ठीक ही कहा है, ‘मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है।’ वस्तुत: समाज के अभाव में मनुष्य का सर्वांगीण विकास बिल्कुल संभव नहीं है। स
अरस्तू ने ठीक ही कहा है, ‘मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है।’ वस्तुत: समाज के अभाव में मनुष्य का सर्वांगीण विकास बिल्कुल संभव नहीं है। समाज में पड़ोसियों की भूमिका महत्वपूर्ण है। अत: नीचे दी गई कुछ बातों को ध्यान में रखकर पड़ोसियों के साथ मधुर व्यवहार को कायम रखा जा सकता है-
21वीं सदी की इस दौड़ में जातीयता की भावना को दूर रख एक ही जाति ‘इंसान’ के सिद्धांत के आधार पर पड़ोसियों के साथ अपनापन बनाए रखें।
धर्म के नाम पर भी किसी तरह का भेदभाव न करें।
घरेलू बातों का आदान-प्रदान यथासंभव न करने का प्रयास करें।
आर्थिक मामलों में न तो पड़ोसियों को बड़ा या छोटा मानें और न ही स्वयं को असहाय मानकर पड़ोसियों से दूर रहें बल्कि मित्रवत व्यवहार रखें।
जमीन-संबंधी छोटे-मोटे मामलों को नजरअंदाज करने का प्रयास करें।
पड़ोसियों से जलन की भावना तो मन में बिल्कुल न आने दें।
संकट तथा बीमारी आदि में समय-समय पर पड़ोसियों से कुशलक्षेम अवश्य पूछें।
बच्चों के झगड़ों का निपटारा करने में खुद को न उलझाएं।
रुपए-पैसे, घरेलू सामग्रियों एवं भोज्य-पदार्थों का आदान-प्रदान कम से कम करें।
कभी-कभी चाय, नाश्ता आदि पर एक-दूसरे को बुलाकर घनिष्ठता बढ़ाएं। (युवराज) —रजनीश कुमार