Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Dec, 2017 03:48 PM
हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार दुनिया में आने वाला सबसे पहला मनुष्य ‘मनु’ था। यह मनुष्य सृष्टि निर्माता ब्रह्माजी के मनस संकल्प से उत्पन्न हुआ था। इसी मनु ने मनुष्यों की सामाजिक-धार्मिक विधि संहिता की रचना की, जिसे ‘मनुस्मृति’ नाम से जाना जाता है।
हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार दुनिया में आने वाला सबसे पहला मनुष्य ‘मनु’ था। यह मनुष्य सृष्टि निर्माता ब्रह्माजी के मनस संकल्प से उत्पन्न हुआ था। इसी मनु ने मनुष्यों की सामाजिक-धार्मिक विधि संहिता की रचना की, जिसे ‘मनुस्मृति’ नाम से जाना जाता है। मनु द्वारा स्त्री को समाज में एक महत्त्वपूर्ण स्थान प्रदान किया गया है। उनका यह विचार मनुस्मृति में ही दिए गए एक श्लोक से सिद्ध होता है जिसका अर्थ है, “जहां स्त्रियों का सत्कार एवं सम्मान होता है, वहीं देवता वास करते हैं”। यानी कि जिस समाज में स्त्री को सम्मान प्राप्त नहीं होगा, वहां प्रगति होना असंभव है।
आईए जानें एेसी तीन चीजों के बारे में जो घर की महिलाओं को देने से घर में शांति और उन्नति बनी रहती है।
मनु स्मृति के अनुसार जिस घर में वस्त्र, आभूषण और मधुर वजन से स्त्री का सम्मान किया जाता है, उस घर पर भगवान हमेशा प्रसन्न रहते है। किंतु जिस घर में इनकी पूजा नहीं की जाती, उस कुल में सब कर्म निष्फल होते हैं।
वस्त्र
वस्त्र यानी कपड़े। सजना-संवरना, श्रृंगार करना ये सब महिलाओं को सबसे प्रिय होता है। मनुस्मृति के अनुसार, जिस घर के पुरुष अपनी पत्नी, माता या बहन को अच्छे वस्त्र प्रदान करते हैं, उस घर पर भगवान हमेशा प्रसन्न रहते हैं। ऐसे घर में हमेशा सुख-शांति बनी रहती है और सभी कामों में सफलता मिलती है। स्त्री को घर की लक्ष्मी माना जाता है, अगर महिलाएं गंदे या मैले कपड़े पहन कर रहती हैं या घर के पुरुष अपनी पत्नी, मां या बहन को समय-समय पर अच्छे वस्त्र नहीं प्रदान करते तो ऐसे घर पर लक्ष्मी रूठ जाती है।
आभूषण
आभूषण यानी गहने। गहने महिलाओं की सबसे प्रिय वस्तुओं में से एक है। जिस घर की महिलाएं खुश रहती हैं, वहां देवताओं का निवास माना जाता है। हर मनुष्य को अपने घर की महिलाओं को सुंदर गहने उपहार में देना चाहिए। जिस घर की महिलाएं अच्छे कपड़े और गहनों से श्रृंगार करती है, वहां कभी दरिद्रता नहीं रहती। ऐसे घर में हमेशा खुशहाली और मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है
मधुर वचन
महिलाओं को पूजनीय माना जाता है। कई ग्रंथों और पुराणों में महिलाओं का सम्मान करने की बात कही गई है। मनुस्मृति के अनुसार, जिस घर में महिलाओं से बुरी तरह से बात की जाती है या उनका सम्मान नहीं किया जाता, ऐसे घर में भगवान भी नहीं रहते। स्त्रियों का सम्मान न करने वाले मनुष्य को हर समय किसी न किसी परेशानी का सामान करना ही पड़ता है। इस लिए मनुष्य को हमेशा महिलाओं का सम्मान करना चाहिए और अपने घर की स्त्रियों के साथ हर समय प्रेम और आदर से ही व्यवहार करना चाहिए।