Edited By ,Updated: 05 Apr, 2017 02:48 PM
व्यक्ति के हाथ में चंद्र रेखा को सबसे अधिक महत्व दिया जाता है। इसे अंत: प्रेरणा रेखा भी कहते हैं। यह रेखा मणिबंध या चंद्र पर्वत से प्रारंभ होकर धनुष का आकार
व्यक्ति के हाथ में चंद्र रेखा को सबसे अधिक महत्व दिया जाता है। इसे अंत: प्रेरणा रेखा भी कहते हैं। यह रेखा मणिबंध या चंद्र पर्वत से प्रारंभ होकर धनुष का आकार धारण करती हुई बुध क्षेत्र तक पहुंचती है। जिनके हाथों में यह रेखा होती है वे व्यक्ति साधारण घराने में जन्म लेकर भी बहुत अधिक ऊंचे पद पर पहुंचते हैं। कई बार ऐसे व्यक्ति राष्ट्रपति या सेनाध्यक्ष बनते हैं। ऐसे व्यक्ति राष्ट्र से संबंधित महत्वपूर्ण पद को सुशोभित करते हैं। ऐसे व्यक्तियों के लिए जल यात्रा घातक होती है। कई बार तैरते समय इन्हें मृत्यु सम कष्ट उठाना पड़ता है। इनका स्वभाव सरल, मधुर तथा गंभीर होता है। इनका व्यक्तित्व अत्यंत सम्मोहक होता है तथा शत्रुओं को भी अपने वश में करने की क्षमता इनमें होती है। ये व्यक्ति दूसरों की सहायता करने वाले होते हैं और यदि जीवन में कोई इनके साथ भलाई का व्यवहार करता है, तो ये उसका उपकार जीवन भर नहीं भूलते। ऐसे व्यक्ति समय पडऩे पर समाज को तथा देश को सही निर्देश देने में सक्षम होते हैं।
लाल किताब से चंद्रमा की अनुकूलता
जिस किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा कमजोर हो, प्रतिकूल या शत्रु राशि में हो अथवा चौथे, आठवें या द्वादश भाव में हो तो वह अपना शुभ प्रभाव खो देता है। इससे बचने के लिए लाल किताब में कुछ उपाय बताए गए हैं, जिन्हें करने से चंद्रमा की अनुकूलता प्राप्त की जा सकती है। उपाय करने से पहले किसी पंडित या ज्योतिषी की सलाह लें।
उपाय निम्र प्रकार हैं-
* मिट्टी के पात्र में दूध भर कर रखें।
* अपने घर में स्वच्छ जल का अभाव न होने दें।
* रात्रि के समय दूध न पीएं।
* चारपाई/पलंग के पायों के नीचे तांबे की कील लगवाएं।
* घर की बुजुर्ग महिला का आशीर्वाद लें।