Edited By ,Updated: 06 Dec, 2016 03:04 PM
प्रत्येक माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी व्रत करने का विधान है। ये दिन भगवती दुर्गा को समर्पित है। अश्विन माह में शारदीय नवरात्रि के दौरान जो अष्टमी तिथि आती है,
प्रत्येक माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी व्रत करने का विधान है। ये दिन भगवती दुर्गा को समर्पित है। अश्विन माह में शारदीय नवरात्रि के दौरान जो अष्टमी तिथि आती है, उसे महाष्टमी कहा जाता है। कल 7 दिसम्बर बुधवार को मासिक दुर्गाष्टमी व्रत है।
ज्योतिषशास्त्र के मुहूर्त खंड अनुसार, अष्टमी तिथि, बुधवार, इसके साथ ही नक्षत्रों में उत्तराषडा, पूर्वाषडा, उत्तराभाद्रपद, पूर्वाभाद्रपद का संयोग बहुत श्रेष्ठ माना जाता है। दुर्गा उपासना के लिए ही बुधवार का विशेष महत्व है। शस्त्रानुसार अष्टमी तिथि के स्वामी शिव हैं, जो दुर्गा के दुर्गेश स्वरूप में पूरक भी हैं। इसलिए आज बुधवारअष्टमी के इस शुभ संयोग में शिव उपासना सांसारिक इच्छाओं को शीघ्र पूरा करने वाली और दुर्गा पूजन कामनाओं की बाधाओं का नाश करने वाली होगा। अगर आप भी जीवन से जुड़ी कामनाओं को पूरा करने और उनमें आने वाले समस्याओं को दूर करना चाहते हैं तो केवल एक दिन करें ये काम, पूरी होंगी 10 इच्छाएं।
विशेष उपाय: आस्मिक समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए पान के पत्ते पर जायफल रखकर दुर्गा मंदिर में चढ़ाएं।
2 साल से 5 साल तक की कन्याओं के पूजन की अत्यधिक महत्ता है। दुर्गाष्टमी व्रत में अगर आप इन कन्याओं को उनके मन भावन उपहार, दान, दक्षिणा देकर खुश करेंगे तो मां नवदुर्गा खुश होंगी और 10 इच्छाएं पूरी करेंगी
इच्छा के अनुसार करें उपाय
1 विद्या की देवी मां सरस्वती की कृपा प्राप्त करने के लिए सफेद फूल कन्याओं को भेंट स्वरूप दें।
2 आत्मा या मन संबंधी इच्छाओं को पूर्ण करने के लिए लाल पुष्प कन्याओं को भेंट स्वरूप दें।
3 लौकिक अभिलाषाओं की पूर्ति के लिए मीठे लाल अथवा पीले रंग के फल कन्याओं को भेंट स्वरूप दें।
4 संन्यास और वैराग्य की प्राप्ति के लिए केला अथवा नारियल कन्याओं को भेंट स्वरूप दें।
5 मां दुर्गा को खुश करने के लिए मिठाई, खीर, हलवा अथवा केशरिया चावल कन्याओं को भेंट स्वरूप दें।
6 अपनी क्षमता के अनुसार कन्याओं को भेंट स्वरूप रूमाल या रंग बिरंगे रीबन दें।
7 अखण्ड सौभाग्य की चाह रखने वाली महिलाएं और निसंतान दंपति संतान प्राप्ति के लिए छोटी कन्याओं को पांच प्रकार की श्रृंगार सामग्री भेंट करें जैसे बिंदी, चूड़ी, मेहंदी, बालों को सजाने का सामान, खुशबूदार साबुन, काजल, नेलपॉलिश, टैल्कम पाउडर आदि।
8 मां का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए कन्याओं को भेंट स्वरूप खिलौने दें।
9 मां सरस्वती का आह्वान करने के लिए कन्याओं को शिक्षण संबंधी वस्तुएं भेंट स्वरूप दें जैसे पेन, स्केच पेन, पेंसिल, कॉपी, ड्राइंग बुक्स, कंपास, वाटर बॉटल, कलर बॉक्स, लंच बॉक्स आदि।
आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com