Edited By ,Updated: 06 May, 2017 02:51 PM
सूर्य निर्बल हो तो नित्य सूर्य उपासना, सूर्य को अर्ध्य देने से, हरिवंशपुराण पढ़ने या सुनने से,
सूर्य निर्बल हो तो नित्य सूर्य उपासना, सूर्य को अर्ध्य देने से, हरिवंशपुराण पढ़ने या सुनने से, रविवार का व्रत करने से और सूर्यदेव के नित्य दर्शन करने से सूर्यदेवता प्रसन्न व बली होते हैं। यदि प्रतिदिन ऐसा नहीं कर सकते तो रविवार को सूर्य उपासना करें। शास्त्रों में बताए विशेष मंत्र का स्मरण सफलता के साथ व्यक्ति को यशस्वी भी बनाता है। इस उपासना से त्वचा संबंधी रोगों का अंत भी होता है। किसी भी क्षेत्र में सफलता के लिए प्रयास कर रहे व्यक्ति के लिए सूर्य मंत्र का स्मरण कामना सिद्धि प्रदान कर सकता है।
रविवार को प्रात: स्नान के बाद यथा संभव लाल कपड़े पहनें तथा सूर्य देव का ध्यान कर पवित्र जल में कुमकुम मिलाकर अर्घ्य दें। पूजा घर में नवग्रह के चित्र अथवा पारद शिवलिंग पर घी का दीपक जलाएं। चमेली की गंध वाली अगरबत्ती जलाएं। सूर्य देव और शिवलिंग पर लाल चंदन चढ़ाएं। लाल कनेर के फूल अर्पित करें। सूर्यदेव को लड्डू या गुड़ का भोग लगाएं। पूर्व दिशा की ओर मुख कर किसी लाल आसन पर बैठकर इस मंत्र का लाल चंदन की माला से जाप करें।
मंत्र: ह्रीं सूर्याय सर्वभूतानां शिवायार्तिहराय च। नम: पद्मप्रबोधाय नमो वेदादिमूर्तये।।
मंत्र समाप्ति के बाद सूर्य के चित्र की प्रदक्षिणा करें तथा उपाय स्वरूप किसी बैल अथवा सांड को गुड़ और गेहूं खिलाएं। रविवार के दिन उपवास करें और यथासंभव आज सूर्यास्त से पहले नमक का सेवन न करें।
आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com