Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Jul, 2017 11:05 AM
भारतीय संस्कृति में मेहमानों की तुलना ईश्वर से की गई है। जब कोई करीबी घर आता है तो खुली बांहों से उनका स्वागत किया जाता है। कई बार कुछ ऐसे
भारतीय संस्कृति में मेहमानों की तुलना ईश्वर से की गई है। जब कोई करीबी घर आता है तो खुली बांहों से उनका स्वागत किया जाता है। कई बार कुछ ऐसे अनचाहे मेहमान भी होते हैं, जिन्हें देखकर भौंहे तन जाती हैं। ज्योतिष के अनुसार इनके आगमन से घर में धन वृद्धि और जीवन में समृद्धि आती है। अत: इन्हें घर से कभी भी खाली हाथ नहीं जाने देना चाहिए। पंचतंत्र के मित्रलाभ ग्रंथ में दान को बहुत प्रभावाशाली कहा गया है। ईश्वर की कृपा से यदि आप समर्थ है, द्वार पर आए याचक को कभी निराश न करें।
जो व्यक्ति नर को नारायण का रूप मानकर उनकी सेवा करता है, भगवान उस पर सदा प्रसन्न रहते हैं। तभी तो गरीबों को दरिद्र नारायण भी कहा जाता है।
ज्योतिषशास्त्री मानते हैं की बुध नपुंसक ग्रह है। किन्नरों पर बुध का शुभ प्रभाव होता है। किन्नर घर आएं तो इसे शुभ शगुन मानें। इनके आने से व्यक्ति की दैनिक जीवन में आने वाली समस्याओं, रोग और कोर्ट केस का समाधान होता है। घर में बरकत चाहिए तो इन्हें कभी भी अपने घर से खाली हाथ न जाने दें।
अपंग भिखारी आए तो राहू से संबंधित समस्याओं का समाधान होता है।
बुजुर्ग भिक्षुक द्वार पर आए तो समझें धन, पुत्र और विद्या से संबंधित समस्या का समाधान शीघ्र होने वाला है। अपनी क्षमता अनुसार उन्हें दान देने से गुरू के शुभ प्रभाव मिलने आरंभ हो जाते हैं।
यदि आपके घर दाकोत (तेल मांगने वाला) आ जाए तो शनि के प्रकोप से मुक्ति मिलती है।
संन्यासी घर का दरवाजा खटखटाए तो समझें भाग्य खुलेगा।
सफेद कपड़े पहने कोई कुंवारी कन्या आए तो टैंशन खत्म होती है।
16 श्रृंगार किए हुए नव विवाहिता आए तो जीवन में ऐश्वर्य और भोग विलास में वृद्धि होती है।
विधवा अगर दान में कुछ मीठा मांगे तो मंगल से संबंधित समस्याएं समाप्त होती हैं।