भक्ति और तीर्थयात्रा के लिए सबसे पवित्र और अनुकूल स्थान है ‘भगवान की भूमि’

Edited By ,Updated: 21 Feb, 2017 12:38 PM

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उत्तराखंड में कई धार्मिक स्थानों और पूजन स्थल होने के कारण इस राज्य को ‘देव भूमि’

उत्तराखंड में कई धार्मिक स्थानों और पूजन स्थल होने के कारण इस राज्य को ‘देव भूमि’ या ‘भगवान की भूमि’ भी कहा जाता है। इसे भक्ति और तीर्थयात्रा के लिए सबसे पवित्र और अनुकूल स्थान माना जाता है। राज्य में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, चाहे वो प्रकृति, वन्यजीवन, एडवेंचर या तीर्थ स्थल कुछ भी क्यों ना हो। यहां के प्रमुख स्थानों में हरिद्वार, ऋषिकेश, देहरादून, मसूरी, अल्मोड़ा, केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री, गंगोत्री, जिम काॅर्बेट नेशनल पार्क नैनीताल, रानीखेत और पिथौरागढ़ हैं। यदि आपको एडवेंचर पसंद है और कुछ कठिन चुनौतियां लेना चाहते हैं तो आप हाई या लो एल्टीट्यूड की ट्रेकिंग, रिवर राफ्टिंग, पैरा ग्लाइडिंग, हेंग ग्लाइडिंग, पर्वतारोहण, स्कीइंग या दूसरी कई गतिविधियां कर सकते हैं। 


मोरी, उत्तरकाशी  
मोरी प्राकृतिक स्थलों के अलावा उत्तराखंड एक जाना माना सांस्कृतिक स्थान है। यह जगह संस्कृति देवताओं के अलावा प्रकृति से भी जुड़ी हुई है।

 
केदारनाथ
केदारनाथ मन्दिर भारत के उत्तराखण्ड राज्य के रूद्रप्रयाग जिले में स्थित है। केदारनाथ धार्मिक स्थल के साथ-साथ एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल भी है। उत्तराखण्ड में हिमालय पर्वत की गोद में केदारनाथ मन्दिर बारह ज्योतिर्लिंग में सम्मिलित होने के साथ चार धाम और पंच केदार में से भी एक है। प्रतिकूल जलवायु के कारण यह मन्दिर अप्रैल से नवंबर के मध्‍य ही दर्शन के लिए खुलता है।

पौड़ी गढ़वाल
यह उत्तराखंड की गोद में छोटा सा नगर है। पौड़ी गढ़वाल जिला मुख्यालय है। पौढ़ी गढ़वाल की मुख्य बोली गढ़वाली है। सड़कमार्ग से यह गांव 75 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। 


श्रीनगर गढ़वाल
श्रीनगर गढ़वाल शहर बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर बसा है। यह शहर चारों अोर ले घाटियों से घिरा हुअा है। इस शहर की प्रकृति का लुत्फ अलकनंदा नदी के किनारे से उठाया जा सकता है। 


बेदनी बुग्याल
उत्तराखण्ड के गढ़वाल हिमालय में हिमशिखरों की तलहटी में जहां टिम्बर रेखा समाप्त हो जाती हैं, वहां से हरे मखमली घास के मैदान आरम्भ होने लगते हैं। गढ़वाल हिमालय में इन मैदानों को बुग्याल कहां जाता हैं। बुग्याल हिम रेखा और वृक्ष रेखा के बीच का क्षेत्र है।  गर्मियों की मखमली घास पर सर्दियों में जब बर्फ़ की सफेद चादर बिछ जाती है तो ये बुग्याल स्कीइंग और अन्य बर्फ़ानी खेलों का अड्डा बन जाते हैं। 
बेदनी बुग्याल रुपकुण्ड जाने के रास्ते पर पडता है। अाप वाण से घने जंगलों के बीच गुजरते हुए लगभग 10 किलोमीटर की चढा़ई के बाद आप बेदनी के सौंदर्य का आंनद ले सकते हैं। इस बुग्याल के बीचों-बीच फैली झील यहां के सौंदर्य में चार चांद लगी देती है। 


खिर्सू
खिर्सू एक सुंदर स्थान है जो पौड़ी से 19 किमी. की दूरी पर स्थित है। खिर्सू से मध्य हिमालयीन पर्वत श्रेणियों का सांस रोकने वाला दृश्य देखा जा सकता है। समुद्र सतह से 1700 मीटर की ऊंचाई पर स्थित शहर की हलचल से दूर खिर्सू एक सुरम्य स्थान है।


जीबी पंत इंजीनियरिंग कॉलेज, पौड़ी गढ़वाल
यह पौड़ी गढ़वाल का जी बी पंत इंजिनियरिंग कॉलेज है जहां पर विभिन्न विषयों में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की जा सकती है। जिला कॉलेज पौड़ी गढ़वाल से यह मात्र 14-15 किमी. की दूरी पर स्थित है।


खांड्यूसैंण, पौड़ी गढ़वाल
खांड्यूसैण, पौड़ी गढ़वाल से 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जहां से हिमालय की विभिन्न चोटियों को निहारा जा सकता है। यहां आप छोटी टैक्सी और बसों से भी पहुंच सकते हैं। 


औली  
औली उत्तराखण्ड का एक भाग है। यह 5-7 किमी. में फैला छोटा-सा स्की रिसोर्ट है। इस रिसोर्ट को 9,500-10,500 फीट की ऊंचाई पर बनाया गया है। यहां बर्फ से ढकी चोटियां बहुत ही सुन्दर दिखाई देती हैं। यहां पर देवदार के वृक्ष बहुतायत में पाए जाते हैं। इनकी महक यहां की ठंडी और ताजी हवाओं में महसूस की जा सकती है। यहां पर कपास जैसी मुलायम बर्फ पड़ती है और पर्यटक खासकर बच्चे इस बर्फ में खूब खेलते हैं।


टुनेटा मवाणगांव की घाटी 
टुनेटा मवाणगांव की घाटी गांव में खेती ही जाती है। यहां के खात देखने में सीढ़ीनुमा हैं। 

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