Edited By Niyati Bhandari,Updated: 13 Nov, 2020 08:27 AM
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर जब चंद्रमा उदय होता है, उस समय नरक चौदस का पर्व मनाए जाने का विधान है। कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि 13 नवंबर की शाम 5:59 से आरंभ होगी
Naraka Chaturdashi 2020: कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर जब चंद्रमा उदय होता है, उस समय नरक चौदस का पर्व मनाए जाने का विधान है। कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि 13 नवंबर की शाम 5:59 से आरंभ होगी और 14 नवंबर की दोपहर 2:18 तक रहने वाली है। नरक चतुर्दशी के दिन मृत्यु के देवता यमराज का पूजन करने का विधान है। प्राचीनकाल से बड़े-बुजुर्ग नरक चौदस के दिन तारों की छांव में उठकर स्नान करने की सलाह देते हैं। आयुर्वेद की मान्यता के अनुसार जो व्यक्ति इस खास दिन पर विशेष औषधियों से स्नान करता है, उसके तन को कोई रोग नहीं लगता और किसी भी तरह की आर्थिक तंगी का सामना भी नहीं करता। अपनी राशि के अनुसार स्नान के पानी में डालें ये सामान मिलेगा स्वस्थ तन के साथ मनचाहे धन का वरदान
मेष: बिल्व पत्र के वृक्ष की छाल और लाल रंग का चंदन।
वृष: थोड़ी सी मैनसिल और छोटी इलायची।
मिथुन: गाय के गोबर का जल को स्पर्श करवाकर स्नान करें।
कर्क: सफेद चंदन
सिंह: लाल रंग फूल और केसर।
कन्या: मोती और सोने के गहनों का जल।
तुला: केसर और खुशबूदार फूल।
वृश्चिक: लाल रंग के फूल।
धनु: मालती के पुष्प
मकर: काले तिल
कुंभ: शमी पेड़ की लकड़ी पानी में डालें।
मीन: मालती के पत्ते और पीली सरसों।