Edited By ,Updated: 29 Oct, 2016 01:38 PM
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी नरक चौदस, रूप चतुर्दशी अथवा छोटी दीवाली के रूप में मनाई जाती है। शास्त्रों के अनुसार
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी नरक चौदस, रूप चतुर्दशी अथवा छोटी दीवाली के रूप में मनाई जाती है। शास्त्रों के अनुसार लक्ष्मी जी का वास वहीं होता है जहां सुंदरता एवं पवित्रता हो। लोग लक्ष्मी जी की प्राप्ति के लिए यथासंभव घरों की सफाई एवं सजावट करते हैं। दूसरे अर्थों में नरक अर्थात गंदगी का अंत जरूरी है। नरक चतुर्थी पर घर की सफाई करने का विधान है ताकि घर का नरक बाहर जाए और दीवाली पर लक्ष्मी आएं।
नरक चतुर्दशी शुभ मुहूर्त...
आज शाम 5:20 से शाम 6 बजे तक दीपक प्रज्वलित कर रोशन करें अपना घर-संसार।
इन स्थानों पर करें दीप दान, दरिद्रता जाएगी लक्ष्मी आएगी
* घर की दहलीज पर दीप जलाकर यमराज का पूजन करें।
* हनुमान जी के चित्र अथवा स्वरूप के सामने दीपक जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें।
* श्रीराम 14 वर्ष का वनवास काट कर लौटे थे। लोक मान्यता के अनुसार श्रीराम, श्रीकृष्ण अथवा विष्णु मंदिर में 14 दीपकों से रोशनी करनी चाहिए।
* आकाश को दीप दान करें।
* तुलसी पर दीपक प्रज्वलित करें।
* घर के मंदिर में दीप सजाएं।
* अपने गुरू के चित्रपट अथवा स्वरूप के सम्मुख दीप दान करें। गुरू घर में जाना संभव हो तो उनके घर-आंगन में दीपक सजाएं।
* चौराहे पर दीपक जलाएं।