Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Sep, 2017 12:33 PM
शारदीय नवरात्र का पर्व मूल प्रकृति जगतजननी आदिशक्ति की उपासना का पर्व है। प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तक निश्चित नौ तिथियों, नौ नक्षत्रों में नवग्रह के अनुसार नवनिद्धियों की प्राप्ति नौ शक्तियों के द्वारा की जाती है।
शारदीय नवरात्र का पर्व मूल प्रकृति जगतजननी आदिशक्ति की उपासना का पर्व है। प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तक निश्चित नौ तिथियों, नौ नक्षत्रों में नवग्रह के अनुसार नवनिद्धियों की प्राप्ति नौ शक्तियों के द्वारा की जाती है। मूलतः नवरात्र नवधा का पर्व है तथा यही पर्व जीवन से जुड़े नवरंग को निखारता है। वैसे तो नवदुर्गा का पूजन सदा फलदायक है लेकिन नवरात्र में खास मंत्रों का जाप करने से अभिष्ठ कार्यों में भी सिद्धियां प्राप्त की जा सकती हैं और पूजन का भी अधिक फल मिलता है। नवरात्र का योग इस बार कुछ सही नहीं है क्योंकि मां पालकी पर सवार होकर आई हैं। यदि आप चाहते हैं अपने जीवन में मंगल ही मंगल और भरना चाहते हैं खुशियों के रंग। अपनी राशि के अनुसार करें अमोघ शक्ति से भरे मंत्रों का जाप। जिससे साल भर आपके ऊपर बरसेगा धन ही धन। शक्ति की भक्ति में डूब जाएं और अपनी राशि के अनुसार करें मंत्रों का जाप-
मेष - ऊं ऐं सरस्वत्यै नमः
वृषभ- ऊं क्र क्रूं कालिका देव्यै नमः
मिथुन- ऊं दुं दुर्गायै नमः
कर्क- ऊं ललिता दैत्ये नमः
सिंह- ऊं ऐं महासरस्वती देव्यै नमः
कन्या- ऊं शूल धारिणी देव्यै नमः
तुला- ऊं हृीं महालक्ष्म्यै नमः
वृश्चिक- ऊं शक्तिरूपायै नमः
धनु- ऊं ऐं हृीं क्लीं चामुण्डायै नमः
मकर- ऊं पां पार्वती देव्यै नमः
कुंभ- ऊं पां पार्वती देव्यै नमः
मीन- ऊं श्री हृीं श्रीं दुर्गा देव्यै नमः