Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Oct, 2017 02:58 PM
शास्त्रों में लक्ष्मी को श्रीया और कमला कहा गया है। दश महाविद्या की श्रेणी में श्रीकुल का अपना अलग स्थान है
शास्त्रों में लक्ष्मी को श्रीया और कमला कहा गया है। दश महाविद्या की श्रेणी में श्रीकुल का अपना अलग स्थान है। श्रीकुल की अधिष्ठात्री देवी कमला मानी जाती हैं। शब्द कमला कमल से उत्पन्न हुआ है। शास्त्र कहते हैं कमल ही संसार में उत्पत्ति का और सृजन का कारण माना गया है। श्री हरि की नाभी से कमल पर बैठकर ब्रह्मा जी ने उत्पत्ति की थी। इसी कारण कमल को सृजन का प्रतीक माना जाता है। श्री लक्ष्मी जी कमल पर ही निवास करके समस्त संसार को धन व संपत्ति देती हैं।
एक खास फल जिसे महालक्ष्मी को अर्पित करने के बाद कंगाल भी धनवान बन सकता है और करोड़पति बनने का सपना पूरा किया जा सकता है। वो खास फल है सिंघाड़ा। शास्त्रों में कमल के पंच दवय देवताओं को चढ़ाए जाते हैं एवं कमल के पंच दवय में देवताओं का वास समाहित है। यह फल कमसल का अभिन्न अंग है। इसे सिंघाड़ा कहते हैं। बहुत सस्ता और आम उपलब्ध होने के साथ-साथ यह देवी लक्ष्मी जी को अति प्रिय है। इसे विशेष विधि से महालक्ष्मी पर चढ़ाने से अपार स्थिर धन संपत्ति की प्राप्ति होती है। इसी कारण इसे दीपावली का विशेष फल कहा जाता है। इसे विशेष समय यानि
रात को 12 बजे अर्पित करने से महालक्ष्मी की अपार कृपा मिलेगी।