Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Jun, 2017 10:01 AM
आज शनि अमावस्या है, हर श्रद्धालु की कोशिश होगी की शनि देव को प्रसन्न किया जा सके। शनि की टेढ़ी चाल से
आज शनि अमावस्या है, हर श्रद्धालु की कोशिश होगी की शनि देव को प्रसन्न किया जा सके। शनि की टेढ़ी चाल से किसे डर नहीं लगता, उनके क्रोध से देवता भी थर-थर कांपते हैं, कहते हैं शनि की कृपा राजा को रंक और रंक को राजा बना सकती है। शनि कर्म फलदाता हैं। वह हर किसी को उसके कर्मों के अनुसार ही फल देते हैं। अपने अपराधों की क्षमा मांगने के लिए आज से अच्छा दिन और कोई नहीं हो सकता। बेशर्ते प्रायश्चित व क्षमा शुद्ध मन से किया जाए और भविष्य में गलतियों को दोहराया न जाए। अपनी शरण में आए हुए भक्त को वह कभी खाली नहीं लौटाते। शनि देव की प्रसन्नता के बाद व्यक्ति को परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है और शनि की दशा के समय कष्ट की अनुभूति नहीं होती।
काले वस्त्र पहनकर शनि मंदिर में जाकर शनि मन्त्र ॐ शनैश्वराय नम: का जाप करें। इसके अतिरिक्त शनि चालीसा एवं हनुमान चालीसा का पाठ करें, फिर शनिदेव की आरती करें। अंत में जाने-अनजाने किए गए बुरे कर्मों और विचारों के लिये माफी मांग भविष्य को सुखद व सफल बनाने की प्रार्थना करें -
अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेऽहर्निशं मया।
दासोऽयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वर।।
गतं पापं गतं दु:खं गतं दारिद्रय मेव च।
आगता: सुख-संपत्ति पुण्योऽहं तव दर्शनात्।।
ये उपाय भी करें
तिल और उड़द से बने पकवान शनिदेव को भोग लगाएं।
साबुत उडद किसी भिखारी को दान करें या कौए को खिलाएं।
काली चींटियों को गु़ड़ एवं आटा खिलाएं।
किसी कुत्ते को तेल चुपड़ी हुई रोटी खिलाएं। कुत्ता शनिदेव का वाहन है और जो लोग कुत्ते को खाना खिलाते हैं उनसे शनि अति प्रसन्न होते हैं।