Edited By ,Updated: 27 Mar, 2017 08:53 AM
चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा से नवमी तिथि तक वासंतिक नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस बार नवरात्रि का प्रारंभ 28 मार्च, मंगलवार से हो रहा है अौर समापन 4 अप्रैल मंगलवार
चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा से नवमी तिथि तक वासंतिक नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस बार नवरात्रि का प्रारंभ 28 मार्च, मंगलवार से हो रहा है अौर समापन 4 अप्रैल मंगलवार को होगा। नवरात्रि में देवी दुर्गा के नवस्वरूपों की पूजा की जाती है। प्रथम नवरात्रि में माता शैलपुत्री की पूजा की जाती है। पर्वतराज हिमालय की पुत्री के रूप में उत्पन्न होने के कारण इन्हें शैलपुत्री के नाम से जाना जाता है। माता वृषभ पर विराजमान हैं। उनके दाहिने हाथ में त्रिशूल है और बाएं हाथ में कमल सुशोभित हैं। मां शैलपुत्री की आराधना करने से जीवन में स्थिरता आती है। इसके साथ ही मनपसंद वर-वधू, धन लाभ और अच्छी नौकरी की प्राप्ति होती है।
नवरात्रि के प्रथम दिन लड़किया शिवालय जाकर भगवान शिव अौर माता पार्वती पर जल व दूध अर्पित करें। इसके बाद उन दोनों के मध्य मौली से गठबंधन कर नीचे लिखे मंत्र का 108 बार जाप करें। इससे लड़कियों को मनपसंद वर की प्राप्ति होगी अौर शीघ्र विवाह के योग बनेंगे। यदि इसी के साथ गोस्वामी तुलसीदास कृत पार्वती मांगल्य का पाठ किया जाए तो विवाह बाधा दूर होकर अच्छे वर की प्राप्ति होती है। मनपसंद जीवनसाथी पाने के लिए लड़के भी माता शैलपुत्री की आराधना करें।
"हे गौरी शंकर अर्धागिंनी यथा त्वं शंकर प्रिया
तथा माम कुरू कल्याणी कान्त कान्ता सुदुर्लभम्"
नवरात्रि में सुबह जल्दी उठकर स्नानादि के बाद सफेद आसन पर पूर्व की अोर मुंह करके बैठ जाएं। अपने सामने पीला वस्त्र बिछाकर उसके ऊपर 108 दानों की स्फटिक की माला रखें। उसके बाद माला के ऊपर केसर व इत्र छिड़क दें अौर नीचे लिखे मंत्र का जाप करें। इससे मनचाही नौकरी की प्राप्ति होगी।
"ॐ ह्रीं क्लीं वद-वद वाग्वादिनी-भगवती-सरस्वति,
मम जिह्वाग्रे वासं कुरु कुरु स्वाहा।"
सुबह शीघ्र उठकर स्नानादि कार्यों से निवृत होकर उत्तर दिशा की अोर मुख करके पीले आसन पर बैठ जाएं। अपने सामने तेल के नौ दीपक प्रज्वलित करें। श्रीयंत्र को पूजा स्थल पर रखें अौर पूजा समाप्त होने तक इन दियों को बुझने न दें। दीपक के सामने लाल चावल की ढेरी बनाएं अौर कुमकुम, फूल, धूप और दीप से पूजा पूर्ण करें। ऐसा करने से धन लाभ की प्राप्ति होगी।