पापमोचिनी एकादशी व्रत आज: पारण समय के साथ जानें इस तिथि का महत्व

Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Mar, 2018 07:16 AM

papomochini ekadashi paran time

चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी किसी भी प्रकार के जाने एवं अनजाने में किए गए सभी प्रकार के पापों का नाश करने वाली है, इसी कारण इस एकादशी को पापमोचनी एकादशी कहा जाता है। इस बार यह एकादशी व्रत 13 मार्च को होगा। सभी प्रकार के अनिष्ट पापों का नाश करने...

चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी किसी भी प्रकार के जाने एवं अनजाने में किए गए सभी प्रकार के पापों का नाश करने वाली है, इसी कारण इस एकादशी को पापमोचनी एकादशी कहा जाता है। इस बार यह एकादशी व्रत 13 मार्च को होगा। सभी प्रकार के अनिष्ट पापों का नाश करने और सुखों को देने वाली यह एकादशी पाप विमोचनी एकादशी भी कहलाती है। श्रीपद्मपुराण के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु जी का विधिवत धूप, दीप, नेवैद्य, पुष्प एवं मौसम के फलों के साथ सच्चे मन से पूजन करने का विधान है। भगवान जब प्रसन्न होते हैं तो अपने भक्तों पर पूर्ण रूप से कृपा करते हुए जीव को संसार के सभी सुख साधनों से सम्पन्न करवा देते हैं। व्रत करने वाले जीव के सभी पाप व्रत के पुण्यकर्मों के प्रभाव से नष्ट हो जाते हैं। जिस विशेष कामना से कोई यह व्रत करता है उसकी सभी कामनाएं भी पूर्ण हो जाती हैं। अन्य दिनों में किए जाने वाले व्रत की अपेक्षा एकादशी व्रत का पुण्य लाभ हजारों गुणा अधिक होता है। रात को दीपदान और हरिनाम संकीर्तन करना अति उत्तम कर्म है।


एकादशी व्रत मंगलवार को है, इसलिए व्रत में पीले एवं संतरी रंग के पुष्पों से भगवान का पूजन करें और इन रंगों की किसी भी वस्तु का दान करना चाहिए। मंदिर में जाकर दीप दान करें, गाय को गुड़ और हरा चारा खिलाएं। व्रत में सूर्य को जल चढ़ाएं तथा किसी पर न तो क्रोध करें और न ही किसी की निंदा चुगली करें। नियम से विधिपूर्वक व्रत का पालन करने वाले भक्तों पर भगवान की असीम कृपा सदा बनी रहती हैं।


क्या कहते हैं विद्वान- अमित चड्डा के अनुसार, एकादशी तिथि भगवान को अति प्रिय है इसलिए इस दिन किए गए व्रत एवं संकीर्तन से प्रभु बहुत जल्दी प्रसन्न होकर भक्तों पर कृपा करते हैं। उन्होंने कहा कि व्रत करने के पश्चात उसका पारण भी निश्चित समय और विधि के अनुसार ही करना चाहिए। उन्होंने बताया कि व्रत का पारण 14 मार्च को प्रात: 9.49 से पहले किया जाना चाहिए। श्रीमद्भागवत पुराण के नवम स्कंध में वर्णित परम भक्त अम्बरीष महाराज जी की कथा में लिखा है कि यदि एकादशी व्रत का पारण ठीक समय पर न किया जाए तो व्रत में वैगुण्य दोष लगता है। इस दोष से बचने के लिए व्रत का पारण समय पर करना जरुरी है।


वीना जोशी
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