ज्योतिष गणना: इस अक्षर वाले लोग होते हैं Reserve nature

Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Feb, 2018 10:13 AM

people whose name start with this letter are reserve nature

हर किसी के नाम का कोई न कोई अर्थ अवश्य होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इन नामों से व्यक्ति के व्यक्तित्व का पता चलता है। यही वजह है कि मां-बाप अपने बच्चों का नाम रखने से पहले ज्योतिष आदि का इस्तेमाल करते हैं औ

हर किसी के नाम का कोई न कोई अर्थ अवश्य होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इन नामों से व्यक्ति के व्यक्तित्व का पता चलता है। यही वजह है कि मां-बाप अपने बच्चों का नाम रखने से पहले ज्योतिष आदि का इस्तेमाल करते हैं और काफी सोच-समझकर  नाम रखते हैं। एक अक्षर वह होता है, जो बच्चे के पैदा होने के साथ ही पंडितों द्वारा उनकी कुंडली में बताया जाता है। परंतु उस अक्षर से रखे गए नाम से बच्चे को पुकारा नहीं जाता।


इसके अलावा माता-पिता कोई अन्य अपना पसंदीदा का नाम रख लेते हैं और उसी से अपने बच्चों को पुकारते हैं। तो आइए, आज जानें किस अक्षर के नाम वाले लोगों का व्यक्तित्व कैसा होता है। जिंदगी में उन्हें किस तरह की सफलता और कैसी कठिनाइयां प्राप्त होती हैं और कुछ अन्य बातें।


‘एल’ अक्षर की अंक संख्या ‘तीन’ है (एल)—
जिन व्यक्तियों के नाम का आरंभ ‘एल’ अक्षर से होता है, वे प्राय: भावुक और दार्शनिक प्रवृत्ति के होते हैं। उनके विचार सुलझे हुए होते हैं और अपने कार्यों से वे श्रेष्ठ सिद्ध होते हैं। ऐसे व्यक्ति स्थिर प्रकृति-जिसे ‘रिजर्व नेचर’ कह सकते हैं, के होते हैं और अपना सारा कार्य योजनाबद्ध ढंग से करते हैं। ऐसे व्यक्ति अपने हाल में मस्त, अपनी धुन के पक्के तथा अपने काम में लगे रहते हैं। उन्हें न पीछे को घूमकर देखने की फुर्सत होती है, न आदत। अपनी इसी धुन और मस्ती के कारण ऐसे व्यक्ति एक दिन अवश्य ही उच्च पद पर पहुंच जाते हैं। प्राय: उनका पद और कार्य गरिमापूर्ण होता है। साधारण पद या कार्य उन्हें पसंद नहीं आता।

 

‘एम’ अक्षर की अंक संख्या ‘चार’ है  (एम)—
जिन व्यक्तियों का नाम अंग्रेजी के ‘एम’ अक्षर से आरंभ होता है वे सदाचारी, सभ्य और सुसंस्कृत होते हैं तथा प्राय: सादा रहते हैं। उनकी यह सादगी ही उन्हें कई बार हानि पहुंचा देती है तथा उनके लिए अभिशाप बन जाती है। उनके विचार पवित्र होते हैं, इसलिए वे खरी-खरी बात कह देने से नहीं चूकते। वे गोपनीय बनने का प्रयत्न तो करते हैं परंतु बहिर्मुखी प्रवृत्ति के होने के कारण गोपनीय बातें भी उनके मुख से निकल जाती हैं। इसके बावजूद उनके चारों ओर रहस्य का एक पर्दा-सा बना रहता है जिससे उनके परिवार वाले तथा अन्य लोग भी उनके निर्धन-जैसा होने पर भी उन्हें धनवान ही समझते रहते हैं। उनके प्रति इस भ्रम का कारण यह होता है कि वे हर बात में, हर काम में अपना बड़प्पन प्रदर्शित करने का प्रयत्न करते हैं। ऐसे व्यक्ति श्रेष्ठ तो होते हैं परंतु अपने आपको श्रेष्ठ सिद्ध करने की प्रवृत्ति भी इनमें कूट-कूट कर भरी रहती है। 

 

‘एन’ अक्षर की अंक संख्या ‘पांच’ होती है (एन)—
जिन व्यक्तियों का नाम अंग्रेजी के ‘एन’ अक्षर से आरंभ होता है, बाधाएं और कठिनाइयां भी उनके जीवन के साथ-साथ चलती हैं। उनका जीवन संघर्षमय होता है और पग-पग पर रुकावटें भी आती हैं परंतु अपने दृढ़ और प्रभावशाली व्यक्तित्व के कारण वे कठिनाइयों को पार करते हुए अपनी राह बना ही लेते हैं। इस प्रकार ऐसे व्यक्ति चलते-चलते अपने लक्ष्य पर पहुंच जाते हैं। अपने व्यक्तित्व के कारण ही अपरिचित व्यक्ति को भी अपना मित्र बना लेना उनके लिए कठिन नहीं होता। वे यह प्रयत्न भी करते हैं कि उनकी मित्रता आयु-भर निभ जाए। ऐसे व्यक्ति को सद्गृहस्थ कहा जा सकता है क्योंकि अनेक कष्ट सह कर भी वे अपने परिवार को उन्नत बनाने का यत्न करते हैं। परिवार को उन्नत बनाने का विचार दृष्टि से कभी ओझल नहीं होता। सरल और सादगीपूर्ण जीवन, श्रेष्ठ विचार, सभी से सहयोग और सम्मानपूर्ण व्यवहार एवं आत्मसम्मान उनके विशिष्ट गुण होते हैं। 

 

‘ओ’ अक्षर की अंक संख्या ‘सात’ है (ओ)—
जिन व्यक्तियों का नाम अंग्रेजी के ‘ओ’ अक्षर से आरंभ होता है वे प्राय: आत्मसीमित (सैल्फ-सैंटर्ड) होते हैं। उन्हें साहस और दिलेरी का प्रतिनिधि कहा जा सकता है। जीवन में उतार-चढ़ाव आने के बावजूद भी ऐसे व्यक्ति न तो साहस छोड़ते हैं और न ही हिम्मत हारते हैं। एक बार नीचे गिरने पर भी साहस और हिम्मत से ऊपर उठने का यत्न करते हैं और सफल भी हो जाते हैं। उनके मित्र भी बहुत होते हैं, पर शत्रु भी कम नहीं होते। जो व्यक्ति उनके मित्र रह चुके होते हैं, उनमें से ही प्राय: बहुत-से उन्हें धोखा देने का यत्न करते हैं। ऐसे व्यक्ति सदा साफ-सुथरे रहते हैं। अव्यवस्था और गंदगी उन्हें पसंद नहीं होती। संकुचित विचारों का लबादा उन पर टिक नहीं पाता अर्थात संकुचित विचार उन्हें पसंद नहीं होते। ये गीली, सुलगती लकड़ी की तरह जीवन बिताना नहीं चाहते, वरन् शोले की तरह भभककर चमकना पसंद करते हैं। फिर चाहे वह चमक क्षणभर की ही क्यों न हो परंतु उनकी इच्छा यही रहती है कि वे चमककर दूसरों को एक बार चकाचौंध कर दें। उनमें महत्वाकांक्षाएं बहुत होती हैं और वे उन्हें जल्दी पूरा करना भी चाहते हैं। ऊंचा उठने की उन्हें बहुत कामना होती है। उनके जीवन का अंतिम भाग अपेक्षाकृत कम जल्दबाजी से भरा होता है तथा सुखी और संपन्न होता है।

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