Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Jan, 2018 01:04 PM
गुरु ही एक ऐसी शक्ति है जो हमारे जीवन को सत्य और ज्ञान का प्रकाश दिखा कर हमें सद्मार्ग पर चलने की राह दिखाते हैं। गुरु के बताए मार्ग पर चल कर हम भवसागर को पार कर सकते हैं। —महाराज कमलबीर
र्कीत और लक्ष्मी श्रम और
गुरु ही एक ऐसी शक्ति है जो हमारे जीवन को सत्य और ज्ञान का प्रकाश दिखा कर हमें सद्मार्ग पर चलने की राह दिखाते हैं। गुरु के बताए मार्ग पर चल कर हम भवसागर को पार कर सकते हैं। —महाराज कमलबीर
र्कीत और लक्ष्मी श्रम और उद्योग के अधीन हैं। पंगु बनाने वाली आलसी वृत्तियों को छोड़ कर ही आप प्रतिष्ठा, र्कीत प्राप्त कर सकते हैं। निठ्ठले बैठ कर नहीं। —डा. रामचरण महेन्द्र
माता-पिता की सेवा कर उन्हें प्रसन्न कर उनसे आशीर्वाद लो। तुम्हारा जीवन हीरे की तरह चमकने लग जाएगा।
सत्संग में वह रसायन है जो पत्थर को सोना अर्थात अज्ञानी को ज्ञानी बना देता है और मन को शुद्ध पवित्र एवं विकारों को नष्ट कर देता है। —बावा लाल जी
हम सबमें कोई न कोई खोट निकालते रहते हैं। हमें अपने अंदर के खोट नजर नहीं आते। हमें अपनी कमियां दूर करनी चाहिएं। —डा. प्रशांत अग्रवाल
भजन-कीर्तन जरूर करो, पर दिखावा मत करो क्योंकि भगवान को दिखावा पसंद नहीं। भजन-कीर्तन श्रद्धाभाव से करना चाहिए। —किरीट भाई जी
परोपकार करने से मन को शांति मिलती है। परोपकार करना पुण्य है पर पीड़ा पाप कर्म है। यथा शक्ति दीन, दुखियों, बेसहारों की सहायता करें। —आनंदस्वामी महाराज
काम में गलती होने से ही हमें कुछ नया सीखने को मिलता है। यदि हम से गलती नहीं होगी तो हम सीखेंगे कैसे। —डा. जेम्स डाव्सन