मात्र एक शिल्पकार के कंधों पर है राम मंदिर के लिए पत्थरों की नक्काशी का जिम्मा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Sep, 2017 12:07 PM

ram mandir

जब से उत्तर प्रदेश में भाजपा सत्ता में आई है राम जन्मभूमि न्यास अयोध्या में प्रस्तावित राम मंदिर के लिए पत्थर के ढांचे के भंडारण का काम तेज हो गया है। जानकारी के अनुसार अयोध्या में भाजपा की

जब से उत्तर प्रदेश में भाजपा सत्ता में आई है राम जन्मभूमि न्यास अयोध्या में प्रस्तावित राम मंदिर के लिए पत्थर के ढांचे के भंडारण का काम तेज हो गया है। जानकारी के अनुसार अयोध्या में भाजपा की सरकार बनने के बाद से पिछले 4 महीनों में गुलाबी पत्थर के 42 ब्लाकों की खेप न्यास के रामसेवकपुरम अयोध्या पहुंच गई है। मंदिर निर्माण में खुद को बड़े दावेदार के तौर पर प्रस्तुत कर रही विश्व हिंदू परिषद के नेताओं ने शनिवार को अयोध्या में एक बैठक भी रखी है जिसमें श्री राम मंदिर के डिजाइन व अगली योजना पर चर्चा की जाएगी। 


श्री राम मंदिर के निर्माण के लिए लगाए जा रहे पत्थरों पर नक्काशी का काम न्यास कार्यशाला जो कि रामसेवकपुरम से करीब 500 मीटर दूर है, में चल रहा है। पत्थर की नक्काशी का जिम्मा एकमात्र कारीगर रजनीकांत के कंधों पर है। जानकारी मिली है कि यहां पर बड़े पत्थर काटने के लिए लगाई गई 2 बड़ी मशीनें एक दशक से बंद पड़ी हैं जिस कारण काम काफी धीमा चल रहा है। 


वर्ष भर में जमा होगी पत्थर की बड़ी खेप
अगले एक वर्ष तक हर महीने पत्थर से भरे 2 ट्रक अयोध्या तक पहुंचा करेंगे। अगले 12 महीनों में न्यास के पास पत्थर का बड़ा भंडार होने के बाद पत्थर की नक्काशी के काम में तेजी लाने के लिए अधिक कारीगरों और मजदूरों को शामिल करने की योजना है। 


इस मामले को लेकर विपक्षी दलों ने भाजपा पर निशाना साधना आरंभ कर दिया है। समाजवादी पार्टी का आरोप है कि राम मंदिर के मुद्दे को पार्टी इसलिए दोबारा हवा दे रही है क्योंकि वर्ष 2019 के चुनाव नजदीक हैं। उनका कहना है कि भाजपा के विकास का कोई एजैंडा नहीं है और वह केवल राम मंदिर मुद्दे को राजनीतिक हितों के लिए जीवित रखना चाहते हैं। उनका आरोप है कि पत्थर आने को लेकर इसलिए प्रचार किया जा रहा है ताकि भाजपा वोट बैंक को खींच सके। 


150 श्रमिकों के साथ शुरू हुआ था काम
जानकारी के अनुसार दिसम्बर, 2015 में कई पत्थर आ चुके थे। इसके बाद पिछले कई महीनों में और भी पत्थर लाया जा रहा है लेकिन पत्थर नक्काशी का काम काफी धीमा चल रहा है। कार्यशाला में पत्थरों की नक्काशी 1990 में शुरू हुई थी तथा उस समय 150 से अधिक श्रमिकों को काम पर लगाया गया था। जून, 2015 में पत्थर की कमी को देखते हुए न्यास ने जनता से अपील की थी कि राम मंदिर के लिए नकदी की बजाय पत्थर दान करें।

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