बच्चों को दें ऐसा ज्ञान, नहीं तो जीवन में रहेगा संस्कार और शिष्टाचार का अभाव

Edited By ,Updated: 29 Dec, 2016 01:18 PM

sanskar  manner

टीचर क्लास में बच्चों को पढ़ा रहे थे कि अच्छे संस्कार और शिष्टाचार का जीवन में क्या महत्व है? उदाहरण के लिए उन्होंने एक शीशे का जार लिया और उसमें कुछ गेंद डालने

टीचर क्लास में बच्चों को पढ़ा रहे थे कि अच्छे संस्कार और शिष्टाचार का जीवन में क्या महत्व है? उदाहरण के लिए उन्होंने एक शीशे का जार लिया और उसमें कुछ गेंद डालने लगे। धीरे-धीरे जार पूरा भर गया। उसके बाद उन्होंने कुछ कंकर मंगवाए और उन्हें भी जार में डालना शुरू कर दिया। जार में जहां थोड़ी जगह बाकी थी वहां सब कंकर भी भर गए। 

 

इसके बाद उन्होंने जार में रेत डालना शुरू किया तो रेत भी जार में समाने लगी। अब धीरे-धीरे जार भी पूरा भर गया। फिर अध्यापक ने पानी मंगवाया और जार में डालने लगे तो देखा कि पानी भी रेत और कंकरों के बीच समाने लगा। बच्चे यह सब ध्यान से देख रहे थे लेकिन उन्हें कुछ समझ में नहीं आ रहा था। तब टीचर ने समझाया कि इंसान भी इसी जार की तरह है। इसमें काफी चीजें आ सकती हैं, अब यह तुम पर निर्भर है कि तुम क्या लेना चाहते हो?

 

सोचो अगर जार में सबसे पहले रेत डाल दी जाती तो क्या गेंद उसमें कभी समा पाती? कभी नहीं। उसी तरह बच्चों को सबसे पहले शिष्टाचार और संस्कार सीखने चाहिएं, बाकी दुनिया के काम के लिए तो पूरा जीवन पड़ा हुआ है।

 

अक्सर हम देखते हैं कि लोग सीधे बस अच्छी नौकरी या पैसे की बात करते हैं लेकिन माता-पिता को चाहिए कि सबसे पहले गेंद रूपी ज्ञान बच्चों को दें। उसके बाद धीरे-धीरे क्रमानुसार जीवन का तरीका सिखाएं क्योंकि अगर बच्चों के दिमाग में शुरू से ही अवसाद रूपी रेत ने घर कर लिया तो फिर सारा जीवन अच्छे विचारों के लिए जगह नहीं बचेगी। 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!