Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Jul, 2017 11:55 AM
वृक्षों का रोपण हर प्रकार से सौभाग्यदायी है। विविध वृक्षों का जतन हर प्रकार के पतन से बचाता है। इनमें औषधीय गुण हैं,
वृक्षों का रोपण हर प्रकार से सौभाग्यदायी है। विविध वृक्षों का जतन हर प्रकार के पतन से बचाता है। इनमें औषधीय गुण हैं, पर्यावरण की दृष्टि से भी लाभदायी हैं। कुछ वृक्षों की उपयोगिता यहां दी जा रही है।
अनार के वृक्ष से जहां सकारात्मक ऊर्जा का निर्माण होता है वहीं इसके कई औषधीय गुण भी हैं। पूजा के दौरान पंच फलों में अनार की गिनती की जाती है। अनार का प्रयोग करने से खून की मात्रा बढ़ती है। इससे त्वचा सुंदर व चिकनी होती है। रोज अनार का रस पीने से या अनार खाने से त्वचा का रंग निखरता है। अनार के छिलकों के 1 चम्मच चूर्ण को कच्चे दूध और गुलाब जल में मिलाकर चेहरे पर लगाने से चेहरा दमक उठता है।
यौन दुर्बलता, अपच, दस्त, पेचिश, दमा, खांसी, मुंह में दुर्गंध आदि रोगों में अनार लाभदायक है। इसके सेवन से शरीर में झूर्रियां या मांस का ढीलापन समाप्त हो जाता है।
नीम एक चमत्कारी वृक्ष माना जाता है। मां दुर्गा का रूप माने जाने वाले इस पेड़ को कहीं-कहीं ‘नीमारी देवी’ भी कहते हैं। इस पेड़ की पूजा की जाती है। कहते हैं कि नीम की पत्तियों के धुएं से बुरी और प्रेत-आत्माओं से रक्षा होती है।
घर के पूर्व में बरगद, पश्चिम में पीपल, उत्तर में पाकड़ और दक्षिण में गूलर का वृक्ष शुभ होता है किंतु ये घर की सीमा में नहीं होना चाहिए। घर के उत्तर एवं पूर्व क्षेत्र में कम ऊंचाई के पौधे लगाने चाहिएं। पौधारोपण उत्तरा, स्वाति, हस्त, रोहिणी एवं मूल नक्षत्रों में करना चाहिए। ऐसा करने पर रोपण निष्फल नहीं होता।