आज होगा शनि का बड़ा राशि परिवर्तन, समस्त विश्व राहत महसूस करेगा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Aug, 2017 08:50 AM

shani rashi parivartan

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार मकर व कुंभ राशि के स्वामी शनि की महादशा 19 वर्ष की होती है तथा यह हर राशि में तीस महीने तक गोचर करते हैं। शनि एक धीमी गति से चलने वाला ग्रह है। इन्हें हर राशि को पार करने में ढा़ई

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार मकर व कुंभ राशि के स्वामी शनि की महादशा 19 वर्ष की होती है तथा यह हर राशि में तीस महीने तक गोचर करते हैं। शनि एक धीमी गति से चलने वाला ग्रह है। इन्हें हर राशि को पार करने में ढा़ई वर्ष का समय लगता है इसलिए कई राशियों पर ढैया या साडेसाती रहती है। कर्म फल दाता शनि को पाप ग्रह की संज्ञा प्राप्त है व इन्हें मारक, अशुभ व दुख का कारक माना जाता है। शास्त्र उत्तर कालामृत के अनुसार शनि बाधाएं, रोग, मृत्यु, दीर्घायु, नंपुसकता, वृद्धावस्था, काला रंग, क्रोध, विकलांगता व संघर्ष का कारक ग्रह हैं। कुण्डली में सूर्य पर शनि का प्रभाव व्यक्ति के पितृ सुखों में कमी लाता है। वास्तविकता में शनि प्रकृति में संतुलन पैदा करके हर प्राणी का उसके कर्मों के आधार पर न्याय करता है।


साल 2017 में शनि का गोचर अत्यधिक अस्थिर रहा है और शनि 142 दिनों तक वक्रिय रहे हैं। ज्योतिषशास्त्र की गोचर प्रणाली के अनुसार साल 2017 में गुरुवार दि॰ 26.01.17 को रात्रि 09:34 पर शनि का वृश्चिक से धनु में गोचर हो गया था। पहले शनि गुरुवार दि॰ 06.04.17 को प्रातः 10:34 पर वक्रिय हो गए पुनः इसी साल शनि बुध दि॰ 21.06.17 को रात 01:37 पर अपनी वक्र अवस्था में धनु से वृश्चिक में आ गए। अब शनि वृश्चिक राशि में आकर दोबारा मार्गी हो रहे हैं। वर्तमान में शनि अपने शत्रु मंगल की राशि वृश्चिक में मित्र बुध के नक्षत्र जेष्ठा के चौथे चरण में गोचरशील हैं। शनिदेव अपनी वक्र चाल को छोड़कर पुनः शुक्रवार दि॰ 25.08.17 को शाम 17:19 पर मार्गीय हो जाएंगे। शनि का मार्गीय होना बड़ा ज्योतिष परिवर्तन है।


शनि के मार्गीय होने से ही न्याय की गति तेज होगी। देश-प्रदेश में न्याय पालिका की भूमिका विशेष रहेगी। शनि का मार्गीय होना कृषि व शिक्षा के क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर बढ़ाएगा, साथ ही पैदावार बढ़ेगी व दुर्घटनाओं में कमी आएगी। शनि ने 142 दिन के अपने वक्रिय काल के दौरान सभी राशि के जातकों के जीवन में कोई न कोई परेशानी ज़रूर दी है। इसी के साथ ही वक्र शनि ने सम्पूर्ण विश्व के पर्यावरण को भी प्रभावित किया है। वक्र शनि के कारण हर क्षेत्र में मंदगति से काम हुआ है। लोगों के बनते हुए काम बिगड़ गए थे। शनि के वक्रिय काल नें सभी जातकों को शारीरिक, मानसिक व आर्थिक हानि दी है। शनि ने अपने 142 दिन के वक्रिय काल में दुर्घटनाएं, प्राकृतिक आपदाएं, बाढ़, अकाल जैसी स्थिति को भी जन्म दिया है। शुक्रवार दि॰ 25.08.17 को शाम 17:19 पर शनि के मार्गीय होने से समस्त विश्व राहत महसूस करेगा। 


आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com

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