शनि से नहीं होगा कष्‍ट, रहेगी चांदी ही चांदी और बरसेगा धन

Edited By ,Updated: 10 Feb, 2017 08:26 AM

shani will not suffer

​​​​​​​शनि से संबंधित धन प्राप्ति योग शनि अर्थ, धर्म, कर्म और न्याय का प्रतीक हैं। शनि ही धन-संपत्ति, वैभव और

शनि से संबंधित धन प्राप्ति योग
शनि अर्थ, धर्म, कर्म और न्याय का प्रतीक हैं। शनि ही धन-संपत्ति, वैभव और मोक्ष भी देते हैं। कहते हैं शनि देव पापी व्यक्तियों के लिए अत्यंत कष्टकारक हैं। शनि की दशा आने पर जीवन में कई उतार-चढ़ाव आते हैं, जिससे जीवन पूरी तरह से डगमगा सकता है परंतु शनि कुछ लोगों के अत्यंत शुभ और श्रेष्ट फल देता है। मेष लग्र में शुक्र एवं शनि परस्पर स्थान परिवर्तित करके बैठे हों अर्थात शुक्र के घर में शनि तथा शनि के घर में शुक्र हो तो ऐसा व्यक्ति महा भाग्यशाली तथा जीवन में अधिक भाग्यशाली होता है।


मेष लग्र हो, चंद्रमा लग्र में मंगल के साथ हो तथा शनि केंद्र या त्रिकोण में हो तो जातक 28 से 32 वर्ष की आयु के मध्य धन कमाता है और धीरे-धीरे दिन-प्रतिदिन उन्नति करता है।


मेष लग्र में मंगल, शनि, शुक्र और बुध की युति हो तो जातक महा धनी होता है।


मेष लग्र में सिंह का सूर्य पंचम में हो, लाभ में शनि, चंद्रमा, गुरु में से कोई ग्रह हो तो जातक बहुत अधिक धनवान होता है।


मेष लग्र में मंगल मकर या कुंभ राशि में हो तथा शनि लग्र में हो तो जातक पंद्रहवें वर्ष में लाखों रुपए कमाता है तथा शत्रुओं का नाश होता है।


मेष लग्र हो, उसमें मंगल, शुक्र, गुरु तथा शनि अपनी-अपनी उच्च और स्वराशियों में हो तो जातक करोड़पति होता है।


मेष लग्र में मंगल हो साथ में बुध, शुक्र व शनि हो तो जातक करोड़पति होता है।


मेष लग्र में सुखेश चंद्रमा, लाभेश शनि यदि नवम स्थान में हो तथा नवम भाव में मंगल से दृष्ट हो तो व्यक्ति को अनायास गुप्त धन प्राप्त होता है।


मेष लग्र में गुरु+चंद्र की युती वृष, कर्क, सिंह या धनु राशि में हो तो इस प्रकार के ‘गजकेशरी योग’ के कारण जातक को अनायास ही बहुत अधिक धन प्राप्त होता है। लाटरी, शेयर बाजार से अकल्पनीय धन मिलता है।


मेष लग्र में बलवान शुक्र की यदि धनेश बुध से युति हो तथा धनेश, शुक्र, शनि या मंगल से दृष्ट हो तो जातक को शत्रुओं के द्वारा धन की प्राप्ति होती है। ऐसा जातक शत्रुओं को कोर्ट-कचहरी में पराजित करता है।


मेष लग्र में बलवान शुक्र की दशमेश शनि की युती हो तो जातक को पैतृक सम्पत्ति प्राप्त होती है।


वृष लग्र में शुक्र हो, शनि-बुध से युत हो तो जातक शहर का प्रतिष्ठित धनवान होता है।


वृष लग्न में बुध एवं शनि परस्पर परिवर्तन योग करके बैठे हों अर्थात बुध मकर या कुुंभ राशि में हो तथा शनि मिथुन या कन्या राशि में हो तो जातक खूब धन कमाता है।


वृष लग्र में शनि केंद्र त्रिकोण में हो, बुध धन स्थान या पंचम भाव में स्वग्रही हो तो जातक 32 वर्ष की आयु में करोड़पति होता है।


मिथुन लग्र में बुध हो, बुध के साथ शुक्र या शनि हो तो जातक शहर का प्रतिष्ठित धनवान  होता है। 


वृष लग्र में पंचम भाव में राहू, शुक्र, मंगल और शनि इन चारों ग्रहों की युती हो तो जातक अरबपति होता है।


बुध एवं शनि द्वितीय स्थान में हो तो धन की प्राप्ति होती है।


वृष लग्र हो, उसमें चंद्र स्थित हो, कुंभ में शनि, सिंह में सूर्य, वृश्चिक में गुरु हो तो अधिक सम्पत्ति, वाहन सुख और प्रभुता प्राप्त होती है।


मिथुन लग्र चंद्रमा शनि के घर कुंभ राशि में हो तो जातक अपने भाग्य के बल पर धनवान हो जाता है।


मिथुन लग्र में शनि, कुंभ की तुला राशि में हो तो जातक थोडे-से ही प्रयत्न से धनवान बन जाता है।


वृष लग्र हो, लग्नेश शुक्र, धनेश बुध, भाग्येश शनि, लाभेश गुरु अपनी-अपनी उच्च या स्वराशि में हो तो जातक करोड़पति होता है।


कर्क लग्र में धनेश सूर्य अष्टम में तथा अष्टमेश शनि धन स्थान में परस्पर परिवर्तन करके बैठे हों तो जातक जुए, लाटरी, शेयर बाजार आदि से धन कमाता है।


कर्क लग्न में बलवान सूर्य यदि सप्तमेश शनि के साथ हो तो जातक का विवाह के बाद भाग्योदय होता है।

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