सम्पत्ति की खरीदारी, न करें ये 8 गलतियां

Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Jul, 2017 05:33 PM

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किसी भी प्रकार की सम्पत्ति की खरीदारी के साथ कई जटिलताएं जुड़ सकती हैं। जाहिर है कि कई सारे लोगों को अपने नए मकान से अपेक्षा अनुरूप संतुष्टि नहीं मिल पाती है। छोटी या अधिक चिंता पैदा न

किसी भी प्रकार की सम्पत्ति की खरीदारी के साथ कई जटिलताएं जुड़ सकती हैं। जाहिर है कि कई सारे लोगों को अपने नए मकान से अपेक्षा अनुरूप संतुष्टि नहीं मिल पाती है। छोटी या अधिक चिंता पैदा न करने वाली समस्या का तो कोई नहीं परंतु कई बार लोगों को बाद में ही कई ऐसी बातों का पता चलता है, जिनके बारे में वे पहले पता करके बच सकते थे। नई सम्पत्ति खरीदने वाले लोग अपने फैसले से कितने संतुष्ट हैं, इस बारे में लोगों से राय जानी गई तो उनकी ऐसी कई आम भूलों का पता चला, जो उनसे हुई थीं। उनकी राय थी कि यदि उन्हें इनके बारे में आभास होता तो वे पहले इनकी जांच करके फैसला लेते ताकि उन्हें बाद में निराश नहीं होना पड़ता।


1. महंगा मकान 
अक्सर खरीदारी से पहले तो आवासों की कीमत सही लगती है परंतु खरीदारी के बाद उनका मूल्य कम प्रतीत होने लगता है। असल में खरीदारी की जल्दी में या प्रॉपर्टी डीलर की लुभावनी बातों में आकर खरीदारी का फैसला लिया जाता है। कुछ सरल से तथ्य नजरों से बचे रह सकते हैं। मकान पर्याप्त बड़ा नहीं होता, उसमें हवा की पर्याप्त निकासी नहीं होती, इलाका अनुपयुक्त हो सकता है जैसी कई कमियों का बाद में एहसास होता है और तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। बाद में यह भी महसूस हो सकता है कि फ्लैट में कोई बड़ी खामी न हो परंतु उसी जैसे अन्य फ्लैट्स की तुलना में वह आपको महंगा दिया गया हो। लोगों का यह महसूस करना आम बात है कि उन्होंने मकान के लिए जरूरत से ज्यादा कीमत चुका दी है। 


2. घटिया निर्माण 
यह वह तथ्य है जिसका पता कुछ समय बीतने पर ही चलने लगता है। गहराई से पड़ताल करने पर ही जाना जा सकता है कि फर्श विकृत है, कमरों की सतह असमान है या वे सही कोण में नहीं बने हैं, दीवारों में कीलें टिकती नहीं हैं, रात के वक्त मकान में अजीब आवाजें महसूस होती हैं, छत में कहीं से लीकेज है और सीवरेज सिस्टम महज जुगाड़ू बंदोबस्त है। 


3. बिल्डर की बुरी प्रतिष्ठा
यदि आपने किसी ऐसे बिल्डर की परियोजना में आवास खरीदा है, जिसका पिछला रिकॉर्ड अच्छा नहीं है या उसकी प्रतिष्ठा बुरी है तो यह आपके लिए सच में बड़ी चिंता की बात है। बिल्डर की प्रतिष्ठा के बारे में पता न करने की आम भूल की वजह से भविष्य में कानूनी विवादों, खराब रखरखाव या खरीद के वक्त किए करार के उल्लंघन जैसी समस्याओं की सम्भावना बढ़ जाती है। अपनी सारी पूंजी आवास खरीदने में लगा देने के बाद यह बात पता लगना वाकई बहुत नुक्सान पहुंचा सकता है। 


4. छुपी लागतें
फ्लैट खरीदते वक्त आवासीय परियोजना में स्विमिंग पूल या क्लब आदि सुविधाओं ने आपको आकर्षित जरूरत किया होगा परंतु पहले शायद कोई आपको यह न बताए कि इनकी मैंटीनैंस के लिए आपको नियमित रूप से शुल्क अदा करने होंगे। यह भी हो सकता है कि सोसायटी की सदस्यता के लिए फीस बहुत ज्यादा रखी गई हो। 


5. आवास वास्तु अनुरूप नहीं 
कई लोग वास्तु में यकीन करते हैं परंतु खरीदारी से पहले वे इस पहलू की जांच पर खास ध्यान नहीं दे पाते हैं। ऐसे में बाद में यदि उन्हें यह पता चले कि उनका खरीदा मकान तो वास्तु के किसी भी सिद्धांत पर खरा नहीं उतरता है तो जाहिर है कि आपको अपने फैसले पर निराशा होगी। कई बार व्यक्ति को स्वयं तो वास्तु में अधिक विश्वास नहीं होता परंतु उनके परिवार वाले या परिचित उन्हें मकान के वास्तु दोषों के बारे में बता सकते हैं। ऐसा होने पर चिंता स्वाभाविक है। 


6. कानूनी विवाद 
इसके कई पहलू हो सकते हैं। आपको वायदे के अनुरूप पार्किंग सुविधा न दी जाए, इमारत में लिफ्ट लगाई ही न जाए, परियोजना को ही अवैध करार दिया जाए, जिसकी वजह से आपको अपने आवास को खाली करने का नोटिस मिल जाए। खरीदारी से पहले सम्पत्ति की वैधता की पूरी जांच न करने से ऐसी किसी भी मुसीबत से दो-चार होना पड़ सकता है। 


7. अलग-थलग पड़ जाना
यदि सस्ते या खूबसूरत आवास से प्रभावित होकर इलाके तक आने-जाने की सरल सुविधाओं जैसी अन्य बातों पर गौर न किया जाए तो हो सकता है कि खरीदारी के बाद ही आपको एहसास हो कि आप तो अलग-थलग पड़ गए हैं। इसकी वजह होगी कि आपका आवास मुख्य सड़क, बाजार या अन्य महत्वपूर्ण स्थानों से इतना हट कर होगा कि वहां तक पहुंचना ही कठिनाई बन जाए।


8. पानी का संकट
इलाके में पानी की आपूर्ति के मुद्दे पर आपने पहले विचार तक नहीं किया होगा। जाहिर है कि आकर्षक सुविधाओं के चक्कर में आपके मन में ख्याल ही न आए कि वहां पानी की आपूर्ति के बारे में किसी से पूछ लिया जाए। यदि आपके आवास में म्यूनिसिपैल्टी की तरफ से पानी की नियमित आपूर्ति के स्थान पर अन्य स्रोत से पानी उपलब्ध करवाने का दावा किया गया हो तो पता कर लें कि भविष्य में उसमें किस तरह की समस्याएं पेश आ सकती हैं। 

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