Edited By ,Updated: 01 May, 2017 12:19 PM
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गंगा जी धरती पर अवतरित हुई थीं और हर साल यह दिन गंगा जयंती के रूप में बड़े श्रद्धा भाव से मनाया जाता है। गंगा
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गंगा जी धरती पर अवतरित हुई थीं और हर साल यह दिन गंगा जयंती के रूप में बड़े श्रद्धा भाव से मनाया जाता है। गंगा सभी जीवों का उद्धार करती है इसीलिए इसे मां अर्थात गंगा मैया के नाम से याद किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार मोक्षदायिनी गंगा मैया के नाम का उच्चारण सच्चे मन से करने वाले जीव के सभी पाप क्षण भर में नष्ट हो जाते हैं और अंत में वह भगवान के परमपद को प्राप्त करता है।
क्या करें
इस दिन गंगा जी का मध्याह काल में पूजा अर्चन करके स्नान एवं दानादि करने का जहां महात्मय है वहीं गंगा सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ भी करना चाहिए। मान्यता है कि जो लोग हरिद्वार में जाकर गंगा स्नान करते हैं, रात्रि काल में गंगा जी की आरती उतारते हैं तथा जल में दीपक जलाकर प्रवाहित करते हैं और धन के साथ ही स्वर्ण आदि से बनी वस्तुओं का मौन धारण करके स्नान करते हुए भगवान का ध्यान करके जल में गुप्त रूप से दान कर देते हैं उन्हें अपने अगले अनेक जन्मों में किसी प्रकार की कमी नहीं रहती।
शास्त्रों के अनुसार जिस वस्तु का कोई भी मनुष्य सच्चे मन से दान करता है उसे वह वस्तु अगले किसी न किसी जन्म में हजारों गुणा अधिक होकर जरूर मिलती है। इस दिन पितरों के निमित्त भी किसी प्रकार का दान किया जा सकता है जिसका फल अवश्य मिलता है।
वीना जोशी
veenajoshi23@gmail.com