श्री राधा अष्टमी कल: व्रत विधि के साथ जानें पुण्यफल

Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Aug, 2017 10:16 AM

shri radha ashtami tomorrow

भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी श्री राधा अष्टमी के नाम से प्रसिद्घ है क्योंकि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की शक्तिस्वरूपा श्री राधा जी प्रकट हुई था। इस बार श्री राधा अष्टमी 29 अगस्त को है और महिलाएं घर में सुख-शांति एवं

भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी श्री राधा अष्टमी के नाम से प्रसिद्घ है क्योंकि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की शक्तिस्वरूपा श्री राधा जी प्रकट हुई था। इस बार श्री राधा अष्टमी 29 अगस्त को है और महिलाएं घर में सुख-शांति एवं खुशहाली के लिए श्री राधाअष्टमी का व्रत करती हैं। जहां श्री राधा हैं वहां भगवान श्रीकृष्ण रहते हैं तथा जहां दोनों होते हैं वहां किसी वस्तु का कभी अभाव हो ही नहीं सकता। श्री राधा जी भगवान श्री कृष्ण के प्राणों की अधिष्ठात्री देवी है इसलिए भगवान सदा ही राधा जी के आधीन रहते हैं। यह व्रत पति-पत्नि अपने परिवार की सुख-शान्ति स्मृद्घि, खुशहाली, संतान सुख और उन्नति की कामना से करते हैं। सभी सुखों को देने वाली राधा रानी का व्रत श्री महालक्ष्मी जी के रुप में भी किया जाता है।


कैसे करें व्रत:-
अन्य व्रतों की भांति इस दिन भी प्रात: सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नानादि क्रियाओं से निवृत होकर श्री राधा जी का विधिवत पूजन करना चाहिए। इस दिन श्री राधा कृष्ण मंदिर में ध्वजा, पुष्पमाला, वस्त्र, पताका, तोरणादि व विभिन्न प्रकार के मिष्ठानों एवं फलों से श्री राधा जी की स्तुति करनी चाहिए। मंदिर में पांच रंगों से मण्डप सजाए, उनके भीतर षोडश दल के आकार का कमलयंत्र बनाएं, उस कमल के मध्य में दिव्य आसन पर श्री राधा कृष्ण की युगलमूर्ति पश्चिमाभिमुख करके स्थापित करें। बंधु बांधवों सहित अपनी सामर्थ्यनुसार पूजा की सामग्री लेकर भक्तिभाव से भगवान की स्तुति गाएं। दिन में हरिचर्चा में समय बिताएं तथा रात्रि को नाम संकीर्तन करें। एक समय फलाहार करें। मंदिर में दीपदान करे।   


व्रत का पुण्यफल:-
श्री राधा कृष्ण जिनके इष्टदेव हैं, उन्हें राधाष्टमी का व्रत अवश्य करना चाहिए क्योंकि यह व्रत श्रेष्ठ है। श्री राधाजी सर्वतीर्थमयी एवं ऐश्वर्यमयी हैं। श्रीराधा जी के भक्तों के घर में सदा ही लक्ष्मी जी का वास रहता है। जो भक्त यह व्रत करते हैं उन साधकों की जहां सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, मनुष्य को सभी सुखों की प्राप्ति होती है। वह धनवान  भी बनता है। जो मनुष्य श्री राधा जी के नाम मंत्र का स्मरण एवं जाप करता है वह धर्मार्थी बनता है। अर्थार्थी को धन की प्राप्ति होती है, कामार्थी पूर्णकामी होता है मोक्षार्थी को मोक्ष मिलता है। कृष्णभक्त वैष्णव सर्वदा अनन्य शरण होकर श्री राधा जी की भक्ति प्राप्त करता है तो वह सुखी, विवेकी और निष्काम हो जाता है । राधा जी की पूजा के बिना श्रीकृष्ण जी की पूजा अधूरी रहती है, तभी तो भक्त गाते हैं ‘राधे राधे जपो चले आएंगे मुरारी’।


वीना जोशी
veenajoshi23@gmail.com

 

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!