Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Jul, 2017 04:57 PM
सावन के महिने में भगवान शिव को प्रसन्न कर अपनी कामना पूरी करवाने के लिए सोमवार का विशेष महत्व है। जिन जातको ने
सावन के महिने में भगवान शिव को प्रसन्न कर अपनी कामना पूरी करवाने के लिए सोमवार का विशेष महत्व है। जिन जातको ने पूर्णिमा से व्रत आरंभ करने हैं, उनके लिए 10 जुलाई से सावन सोमवार व्रत का आरंभ हो जाएगा। इस बार सावन में 5 सोमवार पड़ेंगे जो कुछ ही वर्षों में आते हैं। शिव की उपासना व व्रत करने की अगर विधि सही हो तो शिव जी जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्त की मनचाही मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं।
विधि से भी अधिक महत्व रखता है शुभ मुहूर्त। विद्वान मानते हैं की जो काम शुभ मुहूर्त में किए जाते हैं, वह शीघ्र ही फलीभूत होते हैं। वैसे तो शिव पूजन के लिए 24 घण्टे ही श्रेष्ठ हैं। कभी भी रूद्राभिषेक किया जा सकता है क्योंकि भोले बाबा के सिर पर गंगा की धारा प्रवाहित होती है। जब भी भक्त श्रद्धा भाव से शिवलिंग का अभिषेक करते हैं तो वह बहुत प्रसन्न होते हैं।
कुछ विद्वानों का मानना है की न केवल सावन के सोमवार बल्कि संपूर्ण सावन माह में ब्रह्ममुहूर्त में शिव मंदिर जाकर अभिषेक करें। सूर्योदय से पहले किया गया पूजन अत्यंत शुभ फलदाई होता है। व्रत सूर्योदय से प्रारंभ कर गोधुली वेला तक किया जाता है इसके उपरांत सविधि शिव परिवार पूजन पश्चात सोमवार व्रत कथा करनी चाहिए। इस व्रत में दिन में एक समय का सात्विक भोजन करना चाहिए। विधिवत श्रावण पूजन करने से सभी अनिष्टों, अकाल मृत्यु व बाधाओ से मुक्ति मिलती है तथा जीवन में कुटुंब, धन-धान्य, समस्त सुख समृद्धि, ऐश्वर्य से परिपूर्ण रहता है।