खेत्री के इन संकेतों से बताती हैं मां दुर्गा, भविष्य में क्या होगा आपके साथ

Edited By ,Updated: 25 Mar, 2017 08:40 AM

signs of khetri tells what is going in future

नवरात्रों में नवदुर्गा की पूजा की जाती है। लोग अपने घरों में कलश स्थापना के साथ खेत्री भी बोते हैं। कलश स्थापना अौर जौ बोने के पीछे एक विश्वास है कि इससे आने वाला साल कैसा रहेगा

नवरात्रों में नवदुर्गा की पूजा की जाती है। लोग अपने घरों में कलश स्थापना के साथ खेत्री भी बोते हैं। कलश स्थापना अौर जौ बोने के पीछे एक विश्वास है कि इससे आने वाला साल कैसा रहेगा इसका पता लग जाता है। आइए जानें, कैसा रहेगा आने वाला साल। नवरात्र के प्रथम दिन कलश की स्थापना की जाती है। कलश पूजन के बाद उसके नीचे खेत्री बोई जाती है। वैसे तो 2 या 3 दिन में ही जौ से अंकुर निकल आते हैं लेकिन खेत्री देर से निकले तो इसका अर्थ होता है कि देवी संकेत दे रही है कि आने वाले वर्ष में अधिक मेहनत करनी पड़ेगी। मेहनत करने पर उसका फल देर से प्राप्त होगा।

 
खेत्री का रंग नीचे से पीला अौर ऊपर से हरा हो तो इसका अर्थ होता है कि वर्ष के 6 महीने व्यक्ति के लिए ठीक नहीं है परंतु बाद में सब कुशल मंगल होगा।

 
खेत्री का रंग नीचे से हरा अौर ऊपर से पीला होने पर संकेत होता है कि वर्ष की शुरुआत अच्छी होगी लेकिन बाद में उलझन अौर परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
 
खेत्री का श्वेत या हरे रंग में उगना बहुत ही शुभ संकेत होता है। ऐसा होने पर माना जाता है कि पूजा सफल हो गई है। आने वाला पूरा वर्ष खुशहाल अौर सुख-समृद्धि वाला होगा।


 
संकट से मुक्ति के उपाय
* खेत्री के अशुभ संकेत होने पर मां दुर्गा से कष्टों को दूर करने के लिए प्रार्थना करें अौर दसवीं तिथि को नवग्रह के नाम से 108 बार हवन में आहुती दें। उसके पश्चात मां के बीज मंत्र

 

 ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे नमः  


स्वाहा का 1008 बार जाप करते हुए हवन करें। हवन के बाद मां की आरती करें अौर हवन की भभूत से प्रतिदिन तिलक करें।

 
* रोग की भविष्यवाणी होने पर प्रतिदिन नीचे लिखे मंत्र का जप करें।


रोगान शेषान पहंसि तुष्‍टा रूष्‍टा तु कामान्‍सकलान भीष्‍टान्॥ त्‍वामाश्रितानां न विपन्‍नराणां त्‍वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयांति॥ 


यदि इन सबके लिए समय न हो तो नित्य कवच, कीलक, अर्गला और सिद्घ कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने से भी नवग्रहों की कृपा बनी रहती है अौर व्यक्ति को कष्टों से मुक्ति मिलती है।

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