नेतागिरी या राजनीति में सक्रिय व्यक्ति के कुछ Secrets, ऐसे भी जाने जा सकते हैं

Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Jul, 2017 11:17 AM

some secrets of neta ji or the active person in politics

राहू को सभी ग्रहों में नीति कारक ग्रह का दर्जा प्राप्त है। इसका प्रभाव राजनीति के घर से होना चाहिए। सूर्य को भी राज्य कारक ग्रह की उपाधि दी गई है।

राहू को सभी ग्रहों में नीति कारक ग्रह का दर्जा प्राप्त है। इसका प्रभाव राजनीति के घर से होना चाहिए। सूर्य को भी राज्य कारक ग्रह की उपाधि दी गई है। सूर्य का दशम घर में स्वराशि या उच्च राशि में होकर स्थित हो, राहू का छठे घर, दसवें घर व ग्यारहवें घर से संबध बने तो यह राजनीति में सफलता दिलाने की संभावना बनाता है। इस योग में दूसरे घर के स्वामी का प्रभाव भी आने से व्यक्ति अच्छा वक्ता बनता है। शनि दशम भाव में हो या दशमेश से संबध बनाए और इसी दसवें घर में मंगल,भी स्थित हो तो व्यक्ति समाज के लोगों के हितों के लिए काम करने के लिए राजनीति में आता है।


नेतृत्व के लिए व्यक्ति का लग्न सिंह अच्छा समझा जाता है। सूर्य, चन्द्र, बुध एवं गुरु धन भाव में हों, छठे भाव में मंगल ग्यारहवें घर में शनि, बारहवें घर में राहू और छठे घर में केतु हो तो ऐसे व्यक्ति को राजनीति विरासत में मिलती है। यह योग व्यक्ति को लम्बे समय तक शासन में रखता है।


जब कर्क लग्न की कुंडली में दशमेश, मंगल दूसरे भाव में, शनि लग्न में, छठे भाव में राहू तथा लग्नेश की दृष्टि के साथ ही सूर्य-बुध पंचम या ग्यारहवें घर में हो तो व्यक्ति को यश की प्राप्ति होती।


वृश्चिक लग्न की कुंडली में लग्नेश बारहवें में गुरु से दृष्ट हो, शनि लाभ भाव में हो, राहू-चंद्र चौथे घर में हो, शुक्र स्वराशि के सप्तम में लग्नेश से दृष्ट हो तथा सूर्य ग्यारहवें घर के स्वामी के साथ युति कर शुभ स्थान में हो, साथ ही गुरु की दशम एवं दूसरे घर पर दृष्टि हो तो व्यक्ति प्रखर व तेज नेता बनता है। 

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