Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Jun, 2017 12:01 PM
बीमारियों को दूर करने के लिए कुछ पारम्परिक उपाय आजमाए जाते रहे हैं। उनमें से
बीमारियों को दूर करने के लिए कुछ पारम्परिक उपाय आजमाए जाते रहे हैं। उनमें से कुछ यहां दिए जा रहे हैं। दवा के साथ दुआ करते हुए किए जाने वाले ये उपाय बहुत कारगर माने गए हैं।
यदि बच्चा बहुत जल्दी-जल्दी बीमार पड़ रहा हो और आप को लगे कि दवा काम नहीं कर रही है तो शुक्ल पक्ष की अष्टमी को 8 गोमती चक्र लें और अपने पूजा स्थान में मां दुर्गा के श्रीविग्रह के सामने लाल रेशमी वस्त्र पर स्थान दें। मां भगवती का ध्यान करते हुए कुमकुम से गोमती चक्र पर तिलक करें। धूपबत्ती और दीपक जलाएं। धूपबत्ती की भभूत से भी गोमती चक्र को तिलक करें। ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे की 11 माला जाप करें। जाप के उपरांत लाल कपड़े में 3 गोमती चक्र बांधकर ताबीज का रूप देकर धूप, दीप दिखाकर बच्चे के गले में पहना दें। शेष पांच गोमती चक्र पीले वस्त्र में बांधकर बच्चे के ऊपर से 11 बार उसार करके किसी वीराने स्थान में गड्ढा खोदकर दबा दें। बच्चा सुखी रहेगा।
पीपल के वृक्ष को प्रात: 12 बजे के पहले, जल में थोड़ा दूध मिला कर सींचें और शाम को तेल का दीपक-अगरबत्ती जलाएं। ऐसा किसी भी वार से शुरू करके 7 दिन तक करें। बीमार व्यक्ति को आराम मिलना प्रारम्भ हो जाएगा।
घर से बीमारी जाने का नाम न ले रही हो, किसी का रोग शांत नहीं हो रहा हो तो एक गोमती चक्र लेकर उसे हांडी में पिरो कर रोगी के पलंग के पाये पर बांधने से आश्चर्यजनक परिणाम मिलता है।