Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Sep, 2017 11:26 AM
विश्व का प्रत्येक ‘शिक्षक’ एक शिल्पकार के समान होता है जो किसी भी प्रकार के पत्थर को तराश कर उसे सुंदर आकृति का रूप देकर प्रस्तुत करता है। शिक्षक हर स्टूडैंट को समाज की आवश्यकताओं के अनुरूप एक सुंदर आकर्षक
विश्व का प्रत्येक ‘शिक्षक’ एक शिल्पकार के समान होता है जो किसी भी प्रकार के पत्थर को तराश कर उसे सुंदर आकृति का रूप देकर प्रस्तुत करता है। शिक्षक हर स्टूडैंट को समाज की आवश्यकताओं के अनुरूप एक सुंदर आकर्षक रूप प्रदान करके अपने दायित्व और कर्तव्य का बखूबी निर्वाह करते हुए विश्व में ‘शिक्षा का प्रकाश’ फैलाते हैं।
भारतीय भूमि पर अनेक महान विभूतियों ने अपने ज्ञान से समाज का मार्गदर्शन किया है, उन्हीं महान विभूतियों में से एक हैं महान शिक्षाविद, दार्शनिक, महान वक्ता और आस्थावान विचारक डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान दिया है। उनका जन्मदिन 5 सितम्बर को देशभर में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत सरकार हर वर्ष शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले शिक्षकों को भी इसी दिन सम्मानित करती है ताकि अध्यापक मेहनत, लगन और ईमानदारी से अपने पद की गरिमा बनाए रखें और अन्य टीचर्स भी उनसे प्रेरणा लेकर अपनी समाज के प्रति जिम्मेदारी निभाएं।
‘डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने कहा था, ‘‘एक अच्छा शिक्षक वह है जो हमेशा स्टूडैंट बना रहता है, वह केवल किताबों से नहीं बल्कि स्टूडैंट्स से भी सीखते हुए ज्ञान का प्रसार करता है।’’
(प्रस्तुति : विनीत जोशी)