Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Jun, 2017 02:59 PM
प्राचीनकाल से सनातन धर्म में धूनी देने की परंपरा रही है। इस चमत्कारी धुएं से किसी भी तरह की नकारात्मकता सकारात्मकता में परिवर्तित हो जाती है।
प्राचीनकाल से सनातन धर्म में धूनी देने की परंपरा रही है। इस चमत्कारी धुएं से किसी भी तरह की नकारात्मकता सकारात्मकता में परिवर्तित हो जाती है। इसके बहुत सारे धार्मिक और हेल्दी फायदे भी हैं। जिस घर-परिवार में कलह-कलेश रहता है या परिवार का कोई सदस्य अकसर रोगों की गिरफ्त में रहता है। घर और कार्यस्थान पर प्रतिदिन गुग्गल के धुएं की धूनी देने से कोई भी ऊपरी शक्ति अपना प्रभाव नहीं दिखा पाती और सकारात्मकता का संचार होता है। रोग और शोक से राहत मिलती है।
ब्रह्ममुहूर्त के समय घर में लोबान, गुग्गल, कपूर, देसी घी और चंदन को एक साथ मिलाकर गाय के कंडे पर धूनी देने से देवी-देवताओं की कृपा परिवार पर बनी रहती है।
रात्रि में सोने से पहले घी में डुबोया कपूर जला दें। इससे तनावमुक्ति होगी और गहरी नींद आएगी। शरीर को भी हमेशा सुगंधित और साफ-सुथरा बनाए रखें।
गृह कलह दूर करने के लिए घर के पूजा स्थान पर घी का दीपक जलाएं। कपूर और अष्टगंध की सुगंध प्रतिदिन घर में फैलाएं। वीरवार और रविवार को गुड़ और घी मिलाकर उसे कंडे पर जलाएं, इससे भी सुगंधित वातावरण होगा।
घर में सुबह और शाम मंदिर में कपूर जलाएं, धन संबंधी परेशानियों का नाश होगा साथ ही बीमारियों से भी मुक्ति मिलेगी।