भारत का एक मात्र मंदिर, महाशिवरात्रि से पहले मनाए जाते हैं शिव नवरात्र

Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Feb, 2018 10:54 AM

the only temple of india celebrate shiv navaratri

कल 5 फरवरी सोमवार से महाकाल मंदिर में शिव नवरात्र का आरंभ हो गया है। शक्ति आराधना पर्व नवरात्र की तरह भगवान शिव की भी नवरात्र उत्सव की परंपरा है। महाकाल नवरात्र के अंतिम दिन महाशिवरात्रि पर्व मनाए जाने का विधान है। नौ दिन तक भगवान महाकाल का विशिष्ट...

कल 5 फरवरी सोमवार से महाकाल मंदिर में शिव नवरात्र का आरंभ हो गया है। शक्ति आराधना पर्व नवरात्र की तरह भगवान शिव की भी नवरात्र उत्सव की परंपरा है। महाकाल नवरात्र के अंतिम दिन महाशिवरात्रि पर्व मनाए जाने का विधान है। नौ दिन तक भगवान महाकाल का विशिष्ट अभिषेक और पूजन होगा तत्पश्चात आकर्षक श्रृृंगार से उन्हें सुसज्जित किया जाएगा। इस दौरान मंदिर के गर्भगृृह में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। 14 फरवरी की दोपहर 12 बजे भस्मारती के उपरांत त्यौहार का विश्राम होगा।


महाकाल ज्योतिर्लिंग भारत का एक मात्र मंदिर है, जहां महाशिवरात्रि से पूर्व नौ दिन तक शिव नवरात्र मनाए जाते हैं। नौ दिन तक प्रात: मंदिर के पुजारी द्वारा नैवेद्य कक्ष में भगवान चंद्रमौलेश्वर का पूजन होगा। फिर कोटितीर्थ कुंड के पास अवस्थित भगवान कोटेश्वर महादेव की पूजा होगी। गर्भगृृह में महाकाल का अभिषेक करने के बाद 11 ब्राह्माण एकदश एकादशनी रूद्र पाठ करेंगे। संध्या पूजन उपरांत भगवान का बहुत सारे आकर्षक स्वरूपों में श्रृृंगार किया जाएगा।


कल पहले शिव नवरात्र पर महाकालेश्वर को हल्दी, चंदन व केसर से सजा कर चोला व दुपट्टा पहनाया गया। महाशिवरात्रि से पहले बाबा की झलक कुछ इस तरह देखने को मिलेगी-

6 फरवरी- शेषनाग

7 फरवरी- घटाटोप

8 फरवरी- छबीना

9 फरवरी- होलकर

10 फरवरी- मनमहेश

11 फरवरी- उमा महेश

12 फरवरी- शिवतांडव रूप में श्रृृंगार होगा।

13 फरवरी- त्रिकाल पूजन होगा। मध्यरात्रि उपरांत महाकाल को सप्तधान का मुखौटा अर्पित कर उनके शीष पर सवा मन फूलों-फलों से निर्मित मुकुट पहनाया जाएगा।

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