कोई भी कार्य से पहले परिणाम के बारे में कर लें विचार

Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Jan, 2018 04:07 PM

think about the results before any work

बहुत पुराने समय की बात है। चार विद्वान ब्राह्मण मित्र थे। एक दिन चारों ने संपूर्ण देश का भ्रमण कर हर प्रकार का ज्ञान अर्जित करने का निश्चय किया। चारों ब्राह्मणों ने चार दिशाएं पकड़ीं और अलग-अलग स्थानों पर रहकर अनेक प्रकार की विद्याएं सीखीं।

बहुत पुराने समय की बात है। चार विद्वान ब्राह्मण मित्र थे। एक दिन चारों ने संपूर्ण देश का भ्रमण कर हर प्रकार का ज्ञान अर्जित करने का निश्चय किया। चारों ब्राह्मणों ने चार दिशाएं पकड़ीं और अलग-अलग स्थानों पर रहकर अनेक प्रकार की विद्याएं सीखीं। पांच वर्ष बाद चारों अपने गृहनगर लौटे और एक जंगल में मिलने की बात तय की। चूंकि चारों परस्पर एक-दूसरे को अपनी गूढ़ विद्याओं व सिद्धियों को बताना चाहते थे, अत: इसके लिए जंगल से उपयुक्त अन्य कोई स्थान नहीं हो सकता था।


जब चारों जंगल में एक स्थान पर एकत्रित हुए तो वहां उन्हें शेर के शरीर की एक हड्डी पड़ी हुई मिली। एक ब्राह्मण ने कहा, ‘मैं अपनी विद्या से इस एक हड्डी से शेर का पूरा अस्थि पंजर बना सकता हूं।’ उसने ऐसा कर भी दिखाया। तब दूसरे ब्राह्मण ने कहा, ‘मैं इसे त्वचा, मांस और रक्त प्रदान कर सकता हूं।’ फिर उसने यह कर दिया। अब उन लोगों के समक्ष एक शेर पड़ा था, जो प्राणविहीन था।


अब तीसरा ब्राह्मण बोला, ‘मैं इसमें अपनी सिद्धि के चमत्कार से प्राण डाल सकता हूं।’ चौथे ब्राह्मण ने उसे यह कहते हुए रोका, ‘यह मूर्खता होगी। हमें तुम पर विश्वास है, किंतु यह करके न दिखाओ।’ किंतु तीसरे ब्राह्मण का तर्क था कि ऐसी सिद्धि का क्या लाभ जिसे क्रियान्वित न किया जाए। उसका हठ देखकर चौथा ब्राह्मण तत्काल पास के पेड़ पर चढ़कर बैठ गया। तीसरे ब्राह्मण के मंत्र पढ़ते ही शेर जीवित हो गया। प्राणों के संचार से शेर को आहार की आवश्यकता महसूस हुई और उसने सामने मौजूद तीनों ब्राह्मणों को मारकर खा लिया। चौथे ब्राह्मण ने समझदारी से अपने प्राण बचा लिए।
 

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!