Kartik Month: कार्तिक मास में बरसेगा धन, बटोरने के लिए करें ये काम

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 28 Oct, 2023 07:36 AM

this work is done in the month of kartik

कार्तिक मास में नियम से स्नान, जप, तप, व्रत, ध्यान और तर्पण करने से मनुष्य को अक्षय फलों की प्राप्ति होती है। यह अक्षय पुण्य लाभ प्राप्त करने का महीना है। कार्तिक

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Kartik Maas 2023: कार्तिक मास में नियम से स्नान, जप, तप, व्रत, ध्यान और तर्पण करने से मनुष्य को अक्षय फलों की प्राप्ति होती है। यह अक्षय पुण्य लाभ प्राप्त करने का महीना है। कार्तिक पुण्यमय वस्तुओं में श्रेष्ठ पुण्यतम, पावन पदार्थों में अधिक पावन है। स्कंदपुराण के अनुसार सतयुग के समान कोई युग नहीं वेदों के समान कोई शास्त्र ज्ञान नहीं, गंगा जी के समान कोई नदी नहीं और कलयुग में कार्तिक के समान कोई मास नहीं है। भगवान विष्णु को जैसे तिथियों में एकादशी प्रिय है वैसे ही मासों में कार्तिक मास अति प्रिय है, इसी कारण इस माह में किए गए धर्म-कर्म से भगवान प्रसन्न होकर कृपा करते हुए मनुष्य के सभी प्रकार के दैहिक, दैविक एवं भौतिक तापों का हरण कर लेते हैं व उसकी सभी कामनाओं की पूर्ति कर देते हैं। 

इस मास में क्या करें- कार्तिक मास में जो लोग संकल्प करके प्रतिदिन प्रात: सूर्य निकलने से पूर्व उठकर किसी तीर्थ स्थान, किसी नदी अथवा पोखरे पर जाकर स्नान करते हैं या घर में ही गंगाजल युक्त जल से स्नान करते हुए भगवान का ध्यान करते हैं, उन पर प्रभु प्रसन्न होते हैं। स्नान के पश्चात पहले भगवान विष्णु और बाद में सूर्य भगवान को अर्घ्य प्रदान करते हुए विधिपूर्वक अन्य देवी-देवताओं, ऋषियों दिव्य मनुष्यों को अर्घ्य देते हुए पितरों का तर्पण करना चाहिए। पितृ तर्पण के समय हाथ में तिल अवश्य लेने चाहिए क्योंकि मान्यता है कि जितने तिलों को हाथ में लेकर कोई अपने पितरों का स्मरण करते हुए तर्पण करता है, उतने ही वर्षों तक उनके पितर स्वर्गलोक में वास करते हैं। इस मास में अधिक से अधिक प्रभु नाम का चिंतन करना चाहिए।

स्नान के पश्चात नए एवं सफेद या पीले रंग के पवित्र वस्त्र धारण करें। भगवान विष्णु जी का धूप, दीप, नैवेद्य, पुष्प एवं मौसम के फलों के साथ विधिवत सच्चे मन से पूजन करें। भगवान को मस्तक झुकाकर बारम्बार प्रणाम करते हुए किसी भी गलती के लिए क्षमा याचना करें। कार्तिक मास की कथा स्वयं सुने तथा दूसरों को भी सुनाएं। कुछ लोग कार्तिक मास में व्रत करने का भी संकल्प करते हैं। जिसमें वह केवल फलाहार करते हैं जबकि कुछ लोग पूरा मास एक समय भोजन करके कार्तिक मास के नियम का पालन करते हैं। इस मास में श्रीमद्भागवत कथा, श्री रामायण पाठ, श्री श्रीमद् भागवत पाठ, श्री विष्णु सहस्त्रनाम आदि स्तोत्रों का पाठ करना उत्तम कर्म है। जो व्यक्ति एक महीने तक कार्तिक माह के नियमों का पालन करता है वह मनचाहा धन, मान-सम्मान और तरक्की हासिल करता है। 

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