वास्तु: इन जगहों पर ये चीज लाना है वर्जित, होता है अशुभता का आगमन

Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Jan, 2018 03:02 PM

to bring these things to these places is the arrival of inauspiciousness

हिंदू शास्त्रों में मनुष्य के हित के लि्ए बहुत सी एेसी बातें बताई गई हैं। अगर व्यक्ति इन बातों पर अमल करे तो वह अपने दुख-तकलीफों से हमेशा-हमेशा के लिए छुटकारा पा सकते हैं। शास्त्रों में बताई गई एेसी जानें 5 बातें जो बहुत ही पवित्र मानी जाती है।

हिंदू शास्त्रों में मनुष्य के हित के लि्ए बहुत सी एेसी बातें बताई गई हैं। अगर व्यक्ति इन बातों पर अमल करे तो वह अपने दुख-तकलीफों से हमेशा-हमेशा के लिए छुटकारा पा सकते हैं। शास्त्रों में बताई गई एेसी जानें 5 बातें जो बहुत ही पवित्र मानी जाती है। इन जगहों पर जगहों पर जूते-चप्प्ल पहनकर जाना बड़ा अशुभ माना जाता है। इस से घर का वास्तु भी प्रभावित होता है। ऐसा करने से हमें दुःखों और परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए ध्यान रखें इन 5 जगहों पर कभी जाते समय जूते या चप्पल न पहनें।

 

रसोई
रसोई घर के सबसे खास हिस्सों में से एक मानी जाती है। रसोई में ही भोजन पकाया जाता है, अन्न के साथ ही घर में अग्नि भी रसोई में ही स्थापित होती है। धर्म-ग्रंथों और शास्त्रों में अन्न और अग्नि दोनों को ही देव-तुल्य माना गया है। इसलिए, रसोई घर में जाते समय जूते-चप्पल पहनना गलत माना जाता है। 

 

तिजोरी
कई लोग घर में तिजोरी या सेफ रखते है। तिजोरी में धन रखा जाता है, जिसे देवी लक्ष्मी का रूप माना जाता है। जिस तरह हम देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना करते समय जूते-चप्पल का प्रयोग नहीं करते, उसी तरह तिजोरी से सामान रखते या निकालते समय भी जूते-चप्पल उतार देना चाहिए। इस तरह की छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखने से देवी लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती हैं।

 

भंडार घर
भंडार घर जिस तरह रसोई में अन्न का वास होता है, उसी तरह भंडार घर का संबंध भी अन्न से होता है। भंडार घर की साफ-सफाई का ध्यान रखना बहुत ही जरुरी है। भंडार घर में जूते-चप्पल का प्रयोग नहीं करना चाहिए। जो व्यक्ति भडार घर में जूते-चप्पल का प्रयोग नहीं करता और वहां की साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखता है, उसके घर में कभी भी अन्न की कमी नहीं होती।

 

पवित्र नदी
मंदिरों की तरह ही नदियों को भी पवित्र मानकर इन्हें अधिक महत्व दिया जाता है। यहीं नहीं इसका वर्णन कई धर्म-ग्रंथों में भी पाया जाता है। जिस तरह मंदिर में प्रवेश करने से पहले कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है, उसी तरह पवित्र नदियों में भी स्नान करने से पहले जूते-चप्पल या चमड़े से बनी वस्तुएं उतार देना चाहिए। जूते-चप्पल के साथ नदी में प्रवेश करना किसी पाप से कम नही माना जाता।

 

मंदिर
मंदिर हिंदू धर्म के सबसे पवित्र स्थानों में से एक हैं। मंदिर में साक्षात देवी-देवताओं का वास माना जाता है, इसलिए हर तरह से वहां की साफ-सफाई और शुद्धता का ध्यान रखना बहुत ही जरूरी होता है। मंदिर जाते समय विशेष रूप से इस बात का ध्यान रखें की आप स्नान आदि करके पवित्र हो गए हों और जूते-चप्पल आदि पहन कर मंदिर में प्रवेश भूलकर भी न करें।

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