Pitru paksha: आज चौथ का श्राद्ध, इस विधि से पितर होंगे प्रसन्न

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 13 Sep, 2022 08:12 AM

today chaturthi shradh this auspicious time will be an aphrodisiac

आज आश्विन कृष्ण चतुर्थी पर चौथ का श्राद्ध मनाया जाएगा। प्रत्येक व्यक्ति पर जन्म के साथ ही देव ऋण, ऋषि ऋण व पितृ ऋण चढ़ जाते हैं। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार इन तीन

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Chaturthi Shraddha 2022: आज आश्विन कृष्ण चतुर्थी पर चौथ का श्राद्ध मनाया जाएगा। प्रत्येक व्यक्ति पर जन्म के साथ ही देव ऋण, ऋषि ऋण व पितृ ऋण चढ़ जाते हैं। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार इन तीन ऋणों से मुक्ति प्राप्त न कर पाने के कारण ही व्यक्ति की कुंडली शापित हो जाती है। शास्त्र मनुस्मृति व ब्रह्मवैवर्त के अनुसार दिवंगत पितृगण के परिवार में ज्येष्ठ या कनिष्ठ पुत्र के आभाव में नाती, भतीजा, भांजा या शिष्य ही तिलांजलि व पिंडदान देने के पात्र होते हैं। इसलिए शास्त्रों ने धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष नामक चार पुरुषार्थ कहे हैं। शास्त्रनुसार चतुर्थी के विधिवत श्राद्ध कर्म से श्राद्ध कर्ता के चारों पुरुषार्थ सिद्ध होते हैं तथा श्राद्ध कर्ता का अपना घर बनाने का सपना भी पूरा होता है।

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चतुर्थी श्राद्ध विधि: चतुर्थी श्राद्ध में चार ब्राह्मणों को भोजन करवाना चाहिए। श्राद्ध में गंगाजल, कच्चा दूध, तिल, जौ तुलसी पत्र व शहद मिश्रित जल की जलांजलि दें। तदुपरांत पितृगणों का विधिवत पूजन करें। तिल के तेल का दीप करें, लोहबान धूप करें, काजल चढ़ाएं व नीले फूल चढ़ाएं। नारियल की खीर, बादाम का हलवा, पूड़ी व सात्विक सब्जी का भोग लगाएं। श्राद्ध भोज की तीन-तीन आहुतियों व तीन-तीन चावल के पिण्ड तैयार करें तथा प्रेत मंजरी का मंत्रोच्चार करें व अज्ञात पितरों को नाम और राशि से सम्बोधित करके आमंत्रित करें। कुशा के आसन में बैठाकर गंगाजल से स्नान कराकर तिल जौ, फूल व चंदन समर्पित करके चावल या जौ के आटे के पिण्ड आदि समर्पित करें। फिर उनके नाम का नैवेद्य रखें। पितृ के निमित भगवान चारभुजानाथ का ध्यान करते हुए गीता के चौथे आध्याय का पाठ करें व उनके निमित इस विशेष पितृ मंत्र का यथा संभव जाप करें। निमंत्रित ब्राह्मणों का सत्कार कर भोजन करवाएं। श्रीफल, लौंग-ईलायची व दक्षिणा देकर आशीर्वाद लें। 

विशेष पितृ मंत्र: ॐ चतुर्भुजाय नमः॥

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