Edited By Niyati Bhandari,Updated: 02 Jun, 2022 09:14 AM
आज ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया तिथि के दिन रम्भा तृतीया व्रत करने का विधान है। यह व्रत स्वर्ग की अप्सरा रम्भा को समर्पित है इसलिए उनके निमित्त पूजा की जाती है। पौराणिक शास्त्रों के अनुसार जिस
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Rambha Tritiya 2022: आज ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया तिथि के दिन रम्भा तृतीया व्रत करने का विधान है। यह व्रत स्वर्ग की अप्सरा रम्भा को समर्पित है इसलिए उनके निमित्त पूजा की जाती है। पौराणिक शास्त्रों के अनुसार जिस समय समुद्र मंथन हुआ उन में से उत्पन्न 14 रत्नों में से एक अप्सरा रम्भा भी थीं। वह अत्यंत शोभायमान थी। उनको देखकर कोई भी उनकी सुंदरता का कायल हो जाता था। स्वर्ग की मुख्य अप्सराओं में रंभा, उर्वशी, तिलोत्तमा, मेनका आदि के नाम आते हैं। कहते हैं इन अप्सराओं में किसी को भी मोहित करने की अद्भुत क्षमता होती है। इनके पास दिव्य शक्तियां होती हैं, जिससे ये किसी को भी सम्मोहित कर लेती हैं।
सुहागन महिलाएं अटल सौभाग्य और कुशाग्र बुद्धि वाली संतान प्राप्ति के लिए यह व्रत करती हैं। अविवाहिताएं मन भावन पति की प्राप्ति के लिए इस रोज उपवास करती हैं। मान्यता है की यह व्रत शीघ्रता से अपना प्रभाव दिखाता है।
जो महिलाएं आज व्रत नहीं कर पाई वह ये उपाय करके भी पति की लंबी उम्र, बुद्धिमान संतान और अच्छे वर की कामना को पूरा कर सकती हैं। इस दिन मां लक्ष्मी और देवी सती की प्रसन्नता के लिए संपूर्ण विधि-विधान से पूजन किया जाता है। स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करें। विवाहिताएं पूजा में गेहूं, अनाज और फूल लेकर महालक्ष्मी का पूजन करें।
पूजा के वक्त ॐ महाकाल्यै नम:, ॐ महालक्ष्म्यै नम:, ॐ महासरस्वत्यै नम: आदि मंत्रों का जाप करें।
भारत के बहुत सारे स्थानों में चूड़ियों के जोड़े का पूजन भी किया जाता है। मान्यता है की ये अप्सरा रम्भा और देवी लक्ष्मी का प्रतीक हैं।