श्री दुर्गाष्टमी व्रत आज: राजयोग की इच्छा है तो कंजक से अवश्य लें ये उपहार

Edited By ,Updated: 04 Feb, 2017 08:13 AM

today shri durgashtami vrat must do kanjak pujan

28 जनवरी 2017 से माघ गुप्त नवरात्र का आरंभ हुआ था। आज 4 फरवरी शनिवार श्री दुर्गाष्टमी व्रत और कंजक पूजन का दिन है। ये नवरात्र का वह दिन है जिस दिन आपकी नवरात्र की तपस्या को विराम

28 जनवरी 2017 से माघ गुप्त नवरात्र का आरंभ हुआ था। आज 4 फरवरी शनिवार श्री दुर्गाष्टमी व्रत और कंजक पूजन का दिन है। ये नवरात्र का वह दिन है जिस दिन आपकी नवरात्र की तपस्या को विराम मिलता है और आप मां दुर्गा से अपनी सभी मनचाही इच्छाओंं की पूर्ति करवा सकते हैं। आज के दिन मां महागौरी का पूजन किया जाता है। कंजक पूजन और लोंगड़ा पूजन के उपरांत नवरात्र की पूजा का समापन हो जाता है। नौ दिन तक उपवास रखकर मां दुर्गा का पूजन करने वाले भक्त अष्टमी अथवा नवमी को अपने व्रत का समापन करते हैं। नवरात्र के दौरान आठवें अथवा नौवें दिन सुबह के समय कन्या पूजन किया जाता है। माना जाता है कि आहुति, उपहार, भेंट, पूजा-पाठ और दान से मां दुर्गा इतनी खुश नहीं होतीं, जितनी कंजक पूजन और लोंगड़ा पूजन से होती हैं। अपने भक्तों को सांसारिक कष्टों से मुक्ति प्रदान करती हैं।


 
कन्या पूजन के लिए जिन कन्याओं को अपने घर आमंत्रित करें उनकी उम्र दो वर्ष से कम और नौ वर्ष से अधिक न हो क्योंकि इसी उम्र की कन्याओं को मां दुर्गा का रूप माना गया है। कन्याओं के साथ एक लोंगड़ा यानी लड़के को भी जिमाते हैं। माना जाता है कि लोंगड़े के अभाव में कन्या पूजन पूर्ण नहीं होता। एक कन्या का पूजन करने से ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है, दो कन्याओं का पूजन करने से भोग और मोक्ष की प्राप्ति होती है। तीन कन्याओं की पूजा करने से धर्म, अर्थ व काम, चार कन्याओं की पूजा से राज्यपद, पांच कन्याओं की पूजा करने से विद्या, छ: कन्याओं की पूजा द्वारा छ: प्रकार की सिद्धियां प्राप्त होती हैं। सात बालिकाओं की पूजा द्वारा राज्य की, आठ कन्याओं की पूजा करने से धन-संपदा तथा नौ कन्याओं की पूजा से पृथ्वी प्रभुत्व की प्राप्ति होती है।

 

ऐसे करें कंजक पूजन
कन्याओं और लोंगड़े के चरण धो कर उन्हें पंक्तिबंद्ध कर आसन पर बैठाएं। कलाई पर मौली बांधें और ललाट पर रोली से तिलक लगाएं। मां दुर्गा को सुखे काले चने, हलवा, पूरी, खीर, पूआ व फल आदि का भोग लगा कर कन्याओं और लोंगड़े को प्रसाद दें साथ में उनके मनभावन तोहफे और कुछ न कुछ दक्षिणा अवश्य दें। कन्याओं को विशेष तौर पर लाल चुन्नी और चूडि़यांं भी चढ़ाई जाती हैं। कन्याओं को घर से विदा करते समय उनसे आशीर्वाद के रूप में थपकी अवश्य लें। माना जाता है की कंजक द्वारा दिया गया थपकी का उपहार राजयोग के द्वार खोलता है, ऐश्वर्य और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

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