Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Aug, 2017 06:36 AM
गुरुवार दिनांक 24.08.17 को वराह जयंती का पर्व मनाया जाएगा। शास्त्रनुसार भगवान विष्णु के दशावतारों में से वराह तृतीय अवतार हैं जो भाद्रपद में शुक्ल तृतीया को अवतरित हुए थे।
गुरुवार दिनांक 24.08.17 को वराह जयंती का पर्व मनाया जाएगा। शास्त्रनुसार भगवान विष्णु के दशावतारों में से वराह तृतीय अवतार हैं जो भाद्रपद में शुक्ल तृतीया को अवतरित हुए थे। भगवान विष्णु ने ऋषि कश्यप और दैत्य माता दिति के पुत्र हिरण्याक्ष का वध करने के लिए वराह आवतार लिया था। वराह अवतार में श्रीहरी ने पृथ्वी को अपने दांतों पर रख रसातल से बाहर निकालकर समुद्र के ऊपर स्थापित कर दिया था तथा धर्म की रक्षा हेतु दैत्य हिरण्याक्ष का वध किया था। वराह जयंती के विशेष व्रत-पूजन और उपायों से सभी बुरी शक्तियों तथा तांत्रिक प्रयोगों का असर खत्म होता है तथा सोया भाग्य जागृत होता है।
विशेष पूजन: श्री वराह का विधिवत षोडशोपचार पूजन करें। घी का दीप जलाएं, मोगरे की धूप करें, हरिद्रा से तिलक करें, पीले फूल चढ़ाएं, चने-गुड का भोग लगाएं। 108 बार यह विशेष मंत्र जपें। चना-गुड प्रसाद स्वरूप किसी विप्र को बाटें।
पूजन मुहूर्त: प्रातः 11:06 से दिन 12:19 तक।
विशेष मंत्र: ॐ वं वराहाय नम: ॥
महूर्त विशेष
अभिजीत मुहूर्त: दिन 11:57 से दिन 12:48 तक।
अमृत काल: प्रातः 06:50 से प्रातः 08:26 तक।
वर्जित यात्रा महूर्त: दिशाशूल - दक्षिण। नक्षत्रशूल - उत्तर। राहुकाल वास - दक्षिण। अतः उत्तर व दक्षिण दिशा की यात्रा टालें।
आज का गुडलक ज्ञान
गुडलक कलर: बादामी।
गुडलक दिशा: पूर्व।
गुडलक टाइम: शाम 18:24 से शाम 19:51 तक।
गुडलक मंत्र: ॐ धृतसूकररूपकेशवाय नम: ॥
गुडलक टिप: व्यावसायिक सफलता हेतु किसी मंदिर में पीले रंग के फल चढ़ाएं।
गुडलक फॉर बर्थडे: दुर्भाग्य से मुक्ति हेतु किसी विष्णु मंदिर में चना दाल दान करें।
गुडलक फॉर एनिवर्सरी: दंपति द्वारा विष्णु मंदिर में केसर चढ़ाने से पारिवारिक सुख बढ़ेगा।
आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com