जापान में पर्यटकों की पसंद किमोनो, पहन कर जाते हैं मंदिर

Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Dec, 2017 01:43 PM

tourists like kimono wear in temples of japan

मंदिर में ऐनी क्रूजैट अपनी सामान्य गति में नहीं चल सकती। इस फ्रांसीसी महिला ने एक किमोनो पहना हुआ है जो बिल्कुल उसके टखनों तक लम्बा है। उसके नीचे उसने जापानी स्ट्रॉ सैंडल पहने हुए हैं। एंगर्स की मैडीसन की छात्रा ऐनी कहती है, ‘‘किमोनो पहनना बहुत ही...

मंदिर में ऐनी क्रूजैट अपनी सामान्य गति में नहीं चल सकती। इस फ्रांसीसी महिला ने एक किमोनो पहना हुआ है जो बिल्कुल उसके टखनों तक लम्बा है। उसके नीचे उसने जापानी स्ट्रॉ सैंडल पहने हुए हैं। एंगर्स की मैडीसन की छात्रा ऐनी कहती है, ‘‘किमोनो पहनना बहुत ही जटिल था मेरे लिए।’’ 


जब वह जापान के भ्रमण के दौरान क्योटो में रुकी थी तो उसने किमोनो पहनने के अपने अनुभव के बारे में कहा था, ‘‘चाहे यह मुश्किल था परन्तु बहुत शानदार अनुभव है। इसे पहनने पर आपको शहर को एक अलग ढंग से जानने का मौका मिलता है और आप खुद को किसी जापानी जैसा अनुभव कर सकते हैं।’’


ऐनी उन हजारों पर्यटकों में से एक है जो रोजाना किमोनो किराए पर लेते हैं और शानदार रंगों वाले इस लम्बे पारम्परिक परिधान को पहन कर प्राचीन शाही शहर क्योटो में घूमते हैं। चूंकि इस परिधान को पहनने के लिए कई परतें बनानी पड़ती हैं इसलिए ऐसे पर्यटकों को इसे पहनने में सहायता करने के लिए कई प्रोफैशनल भी मिल जाते हैं। ये परिधान लाल, गुलाबी, नीले या हरे रंग में मिलते हैं जिन्हें फूलों से सजाया जाता है। इसमें पीठ पर एक बो के साथ एक बैल्ट बंधी रहती है। पर्यटक इन परिधानों को पहन कर अलग-अलग मंदिरों में जाते हैं और असंख्य तस्वीरें तथा सैल्फियां लेते हैं। 15 लाख की जनसंख्या वाले जापान के ऐतिहासिक शहर क्योटो में किराए पर मिलने वाले किमोनो पर्यटकों के बीच एक बड़ा आकर्षण का केंद्र बन चुके हैं। 


चीन की जी यूचेंग कहती हैं, ‘‘अब यह हमारे सफर का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं। किमोनो पहन कर चलना काफी मुश्किल है परन्तु इसे पहन कर हमें यहां की पारम्परिक संस्कृति का अनुभव होता है।’’


क्योटो में रहने वाले अमेरिकी नागरिक कर्टिस हावेस, जो पिछले 30 वर्षों से इस शहर में है और टूरिज्म बिजनैस से जुड़े है, का कहना है कि किराए पर मिलने वाले इन परिधानों में वृद्धि की शुरूआत लगभग 5 वर्ष पहले ही हुई थी। आज इस शहर में किराए पर किमोनो देने वाली 200 से अधिक दुकानें हैं। क्यिोमिजु मंदिर के नजदीक स्थित ओकामोटो नामक दुकान के मालिक का कहना है कि उसके पास महिलाओं, पुरुषों तथा बच्चों के लिए विभिन्न किस्मों के एक हजार किमोनो उपलब्ध हैं। 


हावेस कहते हैं, ‘‘किमोनो आपको मंदिरों के निकट, गलियों तक में और साथ ही ऑफिस बिल्डिंगों की ऊपरी मंजिलों पर भी मिल जाएंगे।’’


इनका किराया आमतौर पर 35 से 45 डालर होता है। ताइवान की एक सेल्ज वूमन लिन चियान ची कहती हैं, ‘‘हमारे अधिकतर ग्राहक हांगकांग, ताईवान या चीन से आते हैं।’’ 


परन्तु यूरोप, अमेरिका तथा आस्ट्रेलिया से आने वाले ग्राहक भी कम नहीं हैं। यहां तक कि कुछ जापानी भी हैं जिन्हें किमोनो पहनना नहीं आता। 


एक सामान्य नियम के तौर पर जापानी लोग किमोनो सिर्फ खास अवसरों पर ही जैसे नववर्ष पर या अप्रैल में चेरी ब्लॉसम फैस्टिवल पर ही पहनते हैं। क्योटो की साकी सवादा ने जब पहली-पहली बार गैर-जापानी लोगों को किमोनो पहने घूमते हुए देखा था तो उसे बड़ा अजीब लगा था। वह कहती है, ‘‘पर्यटक किमोनो के इतिहास तथा संस्कृति के बारे में कुछ नहीं जानते। उन्हें यह तक नहीं पता है कि वे क्या पहनने जा रहे हैं। चूंकि अब आप ऐसे लोगों को हर जगह देख सकते हैं इसलिए किमोनो पहनना एक मजेदार अनुभव बन गया है।’’


वर्तमान में जापान के पर्यटन व्यवसाय में उछाल है और क्योटो पर्यटकों का प्रमुख आकर्षण है जहां पर रंग-बिरंगे मठ, विस्तृत बगीचे, पारम्परिक चाय घर तथा मंदिर मौजूद हैं। यहां पर 1600 बौद्ध धर्म से संबंधित मंदिर और 400 शिंतो धर्म से संबंधित मठ स्थित हैं। जापान में प्राचीन शैली की इमारतें तथा गोल्डन पैविलियन जैसे मंदिर भी पर्यटकों में खूब लोकप्रिय हैं।

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