Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Feb, 2018 02:23 PM
भारतीय प्राचीन ग्रंथों में ‘वास्तु’ एवं जीव संबंधों के बारे में अनेकानेक तथ्यों से शुभाशुभ की जानकारी किसी भी स्थान पर रहने वालों को प्राप्त होती रहती है। प्रकृति को विभिन्न विकिरणों एवं संदेशों को समझने एवं ग्रहण करने की क्षमता मनुष्य से कई गुना...
प्राचीन भारतीय ग्रंथों में ‘वास्तु’ एवं जीव संबंधों के बारे में अनेक तथ्यों से शुभाशुभ की जानकारी किसी भी स्थान पर रहने वालों को प्राप्त होती रहती है। प्रकृति को विभिन्न विकिरणों एवं संदेशों को समझने एवं ग्रहण करने की क्षमता मनुष्य से कई गुना अधिक होती है। तदनुसार वे अपने माध्यम से मनुष्य को आने वाले शुभाशुभ की जानकारी देते रहते हैं। ऐसे ही कुछ प्रमुख शकुन एवं अपशकुन की जानकारी आपको दे रहे हैं लेकिन इन्हें प्रयोग में लाने से पूर्व किसी विवाद में न पड़ कर स्वयं समय-समय पर इनका निरीक्षण परीक्षण कर सकते हैं।
जिस भवन में बिल्लियां प्राय: लड़ती रहती हैं वहां शीघ्र ही विघटन की संभावना रहती है विवाद वृद्धि होती है। मतभेद होता है।
जिस भवन के द्वार पर आकर गाय जोर-जोर से रंभाए तो निश्चय ही उस घर के सुख में वृद्धि होती है।
भवन के सम्मुख कोई कुत्ता भवन की ओर मुख करके रोए तो निश्चय ही घर में कोई विपत्ति आने वाली है अथवा किसी की मृत्यु होने वाली है।
जिस घर में काली चींटियां समूह वृद्ध होकर घूमती हों वहां ऐश्वर्य वृद्धि होती है, किन्तु मतभेद भी होते हैं।
घर में प्राकृतिक रूप से कबूतरों का वास शुभ होता है।
घर में मकड़ी के जाले नहीं होने चाहिएं, वे शुभ नहीं होते।
घर की सीमा में मयूर का रहना या आना शुभ होता है।
जिस घर में बिच्छू कतार बना कर बाहर जाते हुए दिखाई दें तो समझ लेना चाहिए कि वहां से लक्ष्मी जाने की तैयारी कर रही हैं।
पीला बिच्छू माया का प्रतीक है। पीला बिच्छू घर में निकले तो घर में लक्ष्मी का आगमन होता है।
जिस घर में प्राय: बिल्लियां आकर विष्ठा कर जाती हैं, वहां कुछ शुभत्व के लक्षण प्रकट होते हैं।
घर में चमगादड़ों का वास अशुभ होता है।
जिस भवन में छछूंदरें घूमती हैं वहां लक्ष्मी की वृद्धि होती है।
जिस घर के द्वार पर हाथी अपनी सूंड ऊंची करे वहां उन्नति, वृद्धि तथा मंगल होने की सूचना मिलती है।
जिस घर में काले चूहों की संख्या अधिक हो जाती है वहां किसी व्याधि के अचानक होने का अंदेशा रहता है।
जिस घर की छत या मुंडेर पर कोयल या सोन चिरैय्या चहचहाए, वहां निश्चित ही श्री वृद्धि होती है।
जिस घर के आंगन में कोई पक्षी घायल होकर गिरे वहां दुर्घटना होती है।
जिस भवन की छत पर कौए, टिटहरी अथवा उल्लू घोर शब्द करें तब वहां किसी समस्या का उदय अचानक होता है।