Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Feb, 2018 02:07 PM
होली आपसी मतभेद मिटाकर गले मिलने का सुअवसर है परंतु कई बार खुशी का मौका गमी में बदल जाता है। प्रेम का प्रवाह नफरत में परिवर्तित हो जाता है। मानव शरीर पर रंगों का वैज्ञानिक और ज्योतिषीय प्रभाव दोनों ही पड़ता है। यह इंसान की मनोवृत्ति को प्रभावित करता...
होली आपसी मतभेद मिटाकर गले मिलने का सुअवसर है परंतु कई बार खुशी का मौका गमी में बदल जाता है। प्रेम का प्रवाह नफरत में परिवर्तित हो जाता है। मानव शरीर पर रंगों का वैज्ञानिक और ज्योतिषीय प्रभाव दोनों ही पड़ता है। यह इंसान की मनोवृत्ति को प्रभावित करता है। अनुकूल रंग मूड को बढिय़ा बना सकते हैं। वहीं गलत रंग आपको आपस में भिड़ा सकता है। अत: गलत रंगों से बचना चाहिए। आप यदि अपनी राशि के अनुसार रंग लगाएं और खास रंग से बचें तो होली का उत्सव और रंगीन हो जाएगा।
मेष व वृश्चिक : आप लाल, केसरिया व गुलाबी गुलाल का टीका लगाएं तथा लगवाएं और काले व नीले रंगों से बचें।
वृष व तुला : आपको सफेद, सिल्वर, भूरे, मटमैले रंगों से होली क्रीड़ा भाएगी। हरे रंगों से बचें।
मिथुन व कन्या : हरा रंग आपके अनुकूल रहेगा। लाल, संतरी रंगों से बचें।
कर्क : पानी के रंगों से इस होली पर बचें। आसमानी या चंदन का तिलक करें या करवाएं। काले नीले रंगों से परहेज रखें।
सिंह : पीला, नारंगी और गोल्डन रंगों का उपयोग करें। काला, ग्रे, सलेटी व नीला रंग आपकी मनोवृति खराब कर सकते हैं।
धनु व मीन : राशि वालों के लिए पीला लाल नारंगी रंग फिजा को और रंगीन बनाएगा। काला रंग न लगाएं न लगवाएं।
मकर व कुंभ : आप चाहे काला, नीला, ग्रे रंग जितना मर्जी लगाएं या लगवाएं, मस्ती रहेगी पर लाल,गुलाबी गुलाल से बचें।