Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Jan, 2018 02:28 PM
फूलों से मानसिक असंतुलन को संतुलित किया जा सकता है क्यों कि यह प्रेम के प्रतीक होते हैं। फिर चाहे फूल कृत्रिम ही क्यों न हों? यह जीवन में सक्रियता को बढ़ावा देते हैं। यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में सहायक होते हैं। फूल मन को सुगंध देते हैं इसके...
फूलों से मानसिक असंतुलन को संतुलित किया जा सकता है क्यों कि यह प्रेम के प्रतीक होते हैं। फिर चाहे फूल कृत्रिम ही क्यों न हों? यह जीवन में सक्रियता को बढ़ावा देते हैं। यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में सहायक होते हैं। फूल मन को सुगंध देते हैं इसके अलावा भी घर के वास्तु में भी सहायक हैं।
लाल रंग के फूल दक्षिण दिशा और पीले रंग के फूल दक्षिण-पश्चिम या उत्तर-पूर्व में होना चाहिए। ऐसा होने पर व्यक्ति उत्साहित रहता है।
ताजे फूल शयन कक्ष में नहीं रखना चाहिए। सूखे फूलों को गुलदस्ते में से निकाल देना चाहिए। गुलदस्ते में फूल ताजे ही लगाएं। इसे दक्षिण में ही रखें। ऐसा करने से आपको सम्मान की प्राप्ति होती है।
परिवार के सदस्यों के बीच संबंध सुधारने के लिए बैंगनी रंग के, बैंगनी गुलदस्ते में अग्नि कोण (संबंध क्षेत्र) में रखना ठीक रहता है। ध्यान रखें फूल अगर सूख जाएं तो इन्हें निकाल कर ताजे फूलों का उपयोग ही करना चाहिए।
फूल पौधे के तत्व का प्रतिनिधित्व करते हैं। लकड़ी तत्व का अर्थ है। विकास, उन्नति, फैलाव आदि। इसलिए ताजे फूलों को व्यवसाय या कार्यालय में रखना पसंद करते हैं। इसके नकारात्मक ऊर्जा संतुलित रहती है।
विज्ञान कहता है कि ताजे फूल वातावरण को शुद्ध करते हैं। ये दरवाजे के पास रखे होना चाहिए। जिससे दरवाजे से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होती है।
बोनसाई पौधे भले ही खूबसूरत हों पर इन्हें घर में नहीं रखना चाहिए। अगर इन्हें रखते हैं तो घर के अंदर के विकास को रोक देते हैं। इसलिए इनका उपयोग वास्तु और फेंगशुई दोनों में ही वर्जित माना गया है।