Edited By ,Updated: 26 Mar, 2017 02:34 PM
भगवान शिव के बहुत सारे मंदिर हैं। हर मंदिर के पीछे अलग-अलग मान्यता है। एक ऐसा ही शिव मंदिर मैनपुरी में स्थित है, जिसके बारे में कहा जाता है कि जिस दिन यहां स्थापित शिवलिंग
भगवान शिव के बहुत सारे मंदिर हैं। हर मंदिर के पीछे अलग-अलग मान्यता है। एक ऐसा ही शिव मंदिर मैनपुरी में स्थित है, जिसके बारे में कहा जाता है कि जिस दिन यहां स्थापित शिवलिंग मंदिर से बाहर आ गया, उस दिन प्रलय आ जाएगी। मैनपुरी से सटे एक गांव नगरिया में वाणेश्वर मंदिर स्थित है। कहा जाता है कि यहां स्थित शिवलिंग हर वर्ष अपने स्थान से खिसकता रहता है।
कहा जाता है कि पहले शिवलिंग घंटे के नीचे स्थापित था। लगभग 50 वर्ष पूर्व गांव में सूखा पड़ गया। स्थानीय लोगों द्वारा बारिश के लिए भगवान शिव की बहुत पूजा-अर्चना की गई। लेकिन बारिश नहीं हुई। गुस्से में आकर मंदिर के पुजारी ने शिवलिंग पर कुल्हाड़ी से कई वार किए। कुल्हाड़ी के निशान आज भी शिवलिंग पर मौजूद हैं। कहा जाता है कि तभी से यह शिवलिंग हर वर्ष अपने स्थान से खिसक रहा है। जिस दिन यह शिवलिंग दरवाजे के बाहर आ जाएगा उस दिन प्रलय निश्चित है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि शिवलिंग मंदिर के दरवाजे तक आकर वापस लौट जाता है। लगभग दस वर्ष पूर्व शिवलिंग मंदिर के द्वार तक आ गया था लेकिन बाद में अंदर चला गया। मंदिर में सच्ची श्रद्धा से आने वाले भक्त की हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है। मनोकामना पूर्ति के बाद मंदिर में चढ़ावा चढ़ाया जाता है।