देवभूमि में है माता वज्रेश्वरी का मंदिर, मक्खन व घी से किया जाता है श्रृंगार

Edited By ,Updated: 27 Mar, 2017 10:05 AM

vajreshwari devi temple

हिमाचल प्रदेश को देवों की भूमि कहा जाता है। यहां पर कई देवी-देवताओं के प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिर हैं। वहीं कांगड़ा पर मां वज्रेश्वरी देवी का मंदिर स्थित है। इस स्थान को

हिमाचल प्रदेश को देवों की भूमि कहा जाता है। यहां पर कई देवी-देवताओं के प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिर हैं। वहीं कांगड़ा पर मां वज्रेश्वरी देवी का मंदिर स्थित है। इस स्थान को नगरकोट की रानी के नाम से भी जाना जाता है। यहां माता सती के वक्षस्थल यानी स्तन गिरे थे। माता को यहां पिंड़ी स्वरूप में पूजा जाता है। वज्रेश्वरी देवी को दशमहाविद्याओं में भी गिना जाता है। माना जाता है कि कांगड़ा के पहले शासक भूमिचंद ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था।

वज्रेश्वरी मंदिर के गर्भगृह में भद्रकाली, एकादशी और वज्रेश्वरी स्वरूपा तीन पिण्डियों की पूजा की जाती है। यहां पिण्डी के साथ अष्टधातु का बना एक पुरातन त्रिशूल भी है जिस पर दस महाविद्याओं के दस यंत्र अंकित हैं। इस मंदिर में भैरव देवता की एक चमत्कारी प्रतिमा भी है। कहा जाता है कि इस क्षेत्र में जब भी कोई संकट, आपत्ति या रोग संक्रमण आदि की आशंका होती है, तब इस प्रतिमा की आंखों से आंसू या पूरे शरीर से पसीना बहने लगता है, तब तक बहता रहता है जब तक संकट समाप्त नहीं हो जाता। कहा जाता है कि यह प्रतिमा लगभग पांच हजार वर्ष पुरानी है। 

वज्रेश्वरी माता के मंदिर में हर वर्ष मकर संक्राति पर माता की पिंड़ी को 100 बार कुंए के जल से धोकर मक्खन, मेवों, घी आदि से सजाया जाता है। इस मक्खन को एक सप्ताह के बाद उतारकर भक्तों में प्रसाद स्वरूप बांटा जाता है। माना जाता है कि इसको शरीर पर घावों में लगाने से वे ठीक हो जाते हैं।  
 

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!