वामन द्वादशी कल: ये है पूजन-व्रत व उपाय, संवार लें अपना कारोबार और परिवार

Edited By Aacharya Kamal Nandlal,Updated: 27 Mar, 2018 11:11 AM

vaman dwadashi on 28th march

बुधवार दि॰ 28.03.18 को चैत्र शुक्ल द्वादशी के उपलक्ष्य में वामन द्वादशी पर्व मनाया जाएगा। श्रीमद्भगवदपुराण के अनुसार उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में इसी शुभ तिथि को श्रवण नक्षत्र के अभिजित मुहूर्त में भगवान विष्णु का वामन अवतार हुआ था।

बुधवार दि॰ 28.03.18 को चैत्र शुक्ल द्वादशी के उपलक्ष्य में वामन द्वादशी पर्व मनाया जाएगा। श्रीमद्भगवदपुराण के अनुसार उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में इसी शुभ तिथि को श्रवण नक्षत्र के अभिजित मुहूर्त में भगवान विष्णु का वामन अवतार हुआ था। दैत्यराज बलि द्वारा देवों के पराभव के बाद ऋषि कश्यप के कहने पर माता अदिति के पुत्र प्राप्ति हेतु पयोव्रत का अनुष्ठान करती हैं। तब विष्णु चैत्र शुक्ल द्वादशी पर माता अदिति के गर्भ से प्रकट होकर अवतार लेते हैं व बटुक ब्राह्मण रूप धारण करते हैं। महर्षि कश्यप ऋषियों के साथ उनका उपनयन संस्कार करते हैं। महर्षि पुलह वामन को यज्ञोपवीत, अगस्त्य मृगचर्म, मरीचि पलाश दण्ड, आंगिरस वस्त्र, सूर्य छत्र, भृगु खड़ाऊं, गुरु जनेऊ व कमण्डल, अदिति कोपीन, सरस्वती रुद्राक्ष माला व कुबेर भिक्षा पात्र भेंट करते हैं।


वामन अवतार पिता से आज्ञा लेकर बलि के पास जाते हैं। उस समय राजा बलि नर्मदा के उत्तर-तट पर अन्तिम यज्ञ कर रहे होते हैं। वामन अवतार राजा बलि से भिक्षा में तीन पग भूमि मांगते हैं। बलि दैत्यगुरु शुक्राचार्य के मना करने पर भी अपने वचन पर अडिग रहते हुए, विष्णु को तीन पग भूमि दान देते हैं। भगवान एक पग में स्वर्ग व दूसरे पग में पृथ्वी को नाप लेते हैं। अब तीसरे पग हेतु राजा बलि अपना सिर भगवान के आगे कर देते हैं। वामन अवतार राजा बलि को पाताल लोक में साथ रहने का वचन देते हुए बलि का द्वारपाल बनना स्वीकार करते हैं। वामन द्वादशी के विशेष पूजन, व्रत व उपाय से निरोगी काया प्राप्त होती है, व्यावसायिक सफलता मिलती है व पारिवारिक कटुता दूर होती है। 


विशेष पूजन विधि: पूर्वमुखी होकर हरे वस्त्र पर वामन अवतार का चित्र स्थापित करके विधिवत दशोपचार पूजन करें। कांसे के दिए में गौघृत का दीप करें, चंदन से धूप करें, तुलसी पत्र चढ़ाएं, रक्त चंदन चढ़ाएं, मौसम्बी का फलहार चढ़ाएं, मिश्री का भोग लगाएं। तथा रुद्राक्ष माला से इस विशेष मंत्र का 1 माला जाप करें।


पूजन मुहूर्त: प्रातः 09:25 से प्रातः 10:25 तक।
पूजन मंत्र: ॐ तप रूपाय विद्महे श्रृष्टिकर्ताय धीमहि तन्नो वामन प्रचोदयात्।


उपाय
निरोगी काया हेतु भगवान वामन पर चढ़े शहद का नित्य सेवन करें।


पारिवारिक कटुता से मुक्ति हेतु वामानवतार पर कांसे के दीये में घी का बारहमुखी दीपक करें।


व्यावसायिक सफलता हेतु नारियल पर यज्ञोपवीत लपेटकर भगवान वामन के निमित चढ़ाएं।

आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com

 

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