Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Jan, 2018 10:34 AM
वसंत पंचमी के शुभ अवसर पर मां सरस्वती की पूजा करना अत्यंत शुभ फलदायक है। देवी भागवत के अनुसार देवी सरस्वती की पूजा सर्वप्रथम भगवान श्री कृष्ण ने की थी। प्रात:काल समस्त दैनिक कार्यों से निवृत होकर स्नान-ध्यान करके मां सरस्वती की तस्वीर स्थापित करें।
वसंत पंचमी के शुभ अवसर पर मां सरस्वती की पूजा करना अत्यंत शुभ फलदायक है। देवी भागवत के अनुसार देवी सरस्वती की पूजा सर्वप्रथम भगवान श्री कृष्ण ने की थी। प्रात:काल समस्त दैनिक कार्यों से निवृत होकर स्नान-ध्यान करके मां सरस्वती की तस्वीर स्थापित करें। इसके बाद कलश स्थापित कर गणेश जी तथा नवग्रहों की विधिवत पूजा करें। सरस्वती जी का पूजन करते समय माता को सिन्दूर व अन्य शृंगार की वस्तुएं चढ़ाएं। फिर फूलमाला चढ़ाएं। मीठे का भोग लगाकर सरस्वती कवच का पाठ करें। माता श्वेत वस्त्र धारण करती हैं इसलिए उन्हें श्वेत वस्त्र पहनाएं। प्रसाद के रूप में खीर अथवा दूध से बनी मिठाइयां चढ़ा सकते हैं। श्वेत फूल माता को अर्पण किए जा सकते हैं। देवी सरस्वती के मन्त्र का जाप करने से असीम पुण्य मिलता है।
कौन-सा करें पाठ या मंत्र?
यह मंत्र शिक्षा में कमजोर विद्यार्थी या उनके अभिभावक भी मां सरस्वती के चित्र को सम्मुख रख के 5 या 11 माला कर सकते हैं।
ओम् ऐं सरस्वत्यै नम:
वाक् सिद्धि हेतु ,यह मंत्र जाप करें- ओम् हृीं ऐं हृीं ओम् सरस्वत्यै नम:
आत्म ज्ञान प्राप्ति के लिए- ओम् ऐं वाग्देव्यै विझहे धीमहि तन्नो देवी प्रचोदयात्!!
रोजगार प्राप्ति व प्रमोशन के लिए- ओम् वद वद वाग्वादिनी स्वाहा !
परीक्षा में सफलता के लिए आज से ही इस मंत्र का जाप मां सरस्वती के चित्र के सम्मुख करते रहें- ओम् एकदंत महा बुद्धि, सर्व सौभाग्य दायक:! सर्व सिद्धि करो देव गौरी पुत्रो विनायक: !!