घर में पूजा स्थल बनाते समय रखें इन बातों का ध्यान

Edited By ,Updated: 14 Jan, 2017 03:51 PM

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आधुनिक समय में अधिकांश लोग वास्तु के उपायों को अपनाकर खुशहाल जीवन यापन करते हैं। वास्तुदोष होने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।

आधुनिक समय में अधिकांश लोग वास्तु के उपायों को अपनाकर खुशहाल जीवन यापन करते हैं। वास्तुदोष होने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। इसी प्रकार घर में पूजाघर बनाते समय भी वास्तु से संबंधित कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। 

 

* जिस घर के नैऋत्य में पूजा घर हो उन्हें पेट संबंधी कष्ट होते हैं। वे अत्यधिक लालची होते हैं।

 

*  जिस घर में दो पूजा के कमरे होते है उस घर के मुखिया के पास एक से अधिक संपत्ति, जमीन, स्टेट या मकान अवश्य होता है व उस घर के बेटे की आमदनी के स्रोत भी दो होते हैं।

 

* जिन घरों में अलग से पूजा कक्ष न होकर ड्राईगहॉल में ही भगवान के फोटो या मूर्ति लगे होते हैं उस घर के सदस्य बुद्धिमान होते हैं।

 

* जिन घरों में पूजा कक्ष का उपयोग बेडरूम के लिए भी किया जाता है वहां सोने वाली महिलाएं धार्मिक प्रवृत्ति की होती है, परंतु बिना किसी कारण के वाद-विवाद करती है, पर हां वे पैसे की अच्छी खासी बचत कर लेती हैं।

 

* जिन घरों में पूजा घरों में साफ-सफाई नहीं रहती, वहां अंधेरा रहता है या घर का कबाड़ पड़ा रहता है उन घरों में रहने वालों को शत्रुओं से समस्याएं रहती है। आर्थिक नुकसान होता है एवं हमेशा बीमारी बनी रहती है।

 

* जिन घरों में देवताओं की मूर्ति खंडित हो, तस्वीर टूटी हुई हो, चित्र फटे हुए वहां के मुखिया के लिए अत्यधिक अशुभ होता है।

 

* रसोईघर में पूजा स्थल होने से घर वाले गरम दिमाग के होते है। परिवार में किसी को रक्त संबंधी शिकायत होती है।
 


 

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