Edited By Niyati Bhandari,Updated: 26 Jun, 2020 11:17 AM
महर्षि वेद व्यास द्वारा लिखित महाभारत ग्रंथ में बहुत सारे पात्र विद्यमान हैं। इस गाथा में विदुर जी अपना विशेष स्थान रखते हैं। कहने को तो यह दासी पुत्र थे लेकिन वेद-वेदान्त में पारंगत अत्यन्त नीतिवान थे।
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Vidur niti: महर्षि वेद व्यास द्वारा लिखित महाभारत ग्रंथ में बहुत सारे पात्र विद्यमान हैं। इस गाथा में विदुर जी अपना विशेष स्थान रखते हैं। कहने को तो यह दासी पुत्र थे लेकिन वेद-वेदान्त में पारंगत अत्यन्त नीतिवान थे। अपने ज्ञान के बल पर इन्होंने अपना विशेष स्थान बनाया और विदुर नीति नामक एक ग्रंथ की रचना करी। इस ग्रंथ में बहुत सारी नीतियों का वर्णन किया गया है, जो जितनी उपयोगी कल थी उतनी आज भी हैं। महाभारत ग्रंथ के अनुसार, एक रात परेशानी के कारण महाराज धृतराष्ट्र को नींद नहीं आ रही थी, उन्होंने महामंत्री विदुर को बुलावा भेजा ताकि वह उनसे अपने दिल की बात कर सुकून अनुभव कर सकें।
विदुर ने धृतराष्ट्र को बताया, महिला हो या पुरूष जब उनके जीवन में ऐसे हालात बनने शुरू हो जाएं अथवा वो इस दौर से गुजर रहे हों तो वो सो नहीं पाते, उनकी नींद उड़ जाती है।
कामभावना एक ऐसी भावना है, जो किसी व्यक्ति के मन में घर कर जाए तो उसकी नींद उड़ जाती है। जब तक उसकी काम अग्नि शांत न हो जाए, उसे चैन नहीं मिलता।
स्वयं से अधिक ताकतवर व्यक्ति से शत्रुता हो जाए तो उसका डर हर पल सताता रहता है। वो कब कहां से वार कर दे मालुम नहीं होता। शत्रु भय से नींद नहीं आती।
किसी की कोई प्यारी वस्तु छिन जाए तो उसका सुख, चैन और नींद चली जाती है। वह अपनी प्यारी वस्तु को दोबारा कैसे प्राप्त कर सके, इस विषय पर विचार करता रहता है।
चोर व्यक्ति को नींद नहीं आती। अधिकतर चोर रात के वक्त चोरी करते हैं, किसी दूसरे का धन कैसे हड़प्पा जाए, इस विषय पर योजनाएं बनाते रहते हैं। दिन के समय वो पकड़े जा सकते हैं लेकिन रात को वो अपनी नींद गंवा कर बेधड़क होकर चोरी करते हैं और अपनी योजनाओं को अंजाम देते हैं।