Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Jun, 2017 11:35 AM
एक रास्ता ऐसा भी है जिस पर कोई गया तो वह बचकर वापस नहीं आ पाया। इसे लोग यमलोक का रास्ता भी कहते हैं।
एक रास्ता ऐसा भी है जिस पर कोई गया तो वह बचकर वापस नहीं आ पाया। इसे लोग यमलोक का रास्ता भी कहते हैं। भारत में हमेशा ही लोगों की देवी-देवताओं पर अपार श्रद्धा रही है। इसलिए भारतीयों की मान्यता है कि आत्माएं होती हैं, वे अच्छी हों या बुरी। इसलिए कुछ लोग भूत और प्रेतों में विश्वास करते हैं। भारत में ऐसे कई इलाके हैं जहां भूतों और प्रेतों की कहानियां प्रचलित हैं, वहां कई ऐसे रहस्य हैं जो कभी सुलझ नहीं सके।
ऐसी ही कहानी है चोरटेन कांग नग्यी की, यह एक स्तूप है, जिसे तिब्बती लोगों ने यह नाम दिया है। इसे यमलोक का दरवाजा भी कहा जाता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि यहां अगर कोई भूल से भी रात को रुक जाता है, तो सुबह लौट के नहीं आता। चीन के स्वायत्त क्षेत्र तिब्बत में दारचेन से 30 मिनट की दूरी पर यह जगह बसी हुई है, जो कैलाश जाने वाले मार्ग पर आती है।
हिंदू मान्यता के अनुसार इसे यमराज के घर का दरवाजा माना जाता है। इसे किसने बनवाया यह आज तक पता नहीं चल पाया पर आए दिन यहां अनहोनी घटनाएं होती रहती हैं, जिससे जुड़ा रहस्य आज तक सुलझ नहीं पाया। ये अंधविश्वास को बढ़ावा देने के इरादे से नहीं बताया जाता पर ऐसे कुछ रहस्य भी हैं, जिसे विज्ञान भी नहीं सुलझा पाया है।